स्मार्ट होगी वाटर सप्लाई, मिलेगा शुद्ध पानी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : स्मार्ट सिटी के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किए जाने के बाबत कई प्रस्ताव तैय
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : स्मार्ट सिटी के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किए जाने के बाबत कई प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। उन पर काम भी शुरू हो चुका है। अब नागरिक सुविधाओं के बाबत भी प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू हो चुकी है। शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए करोड़ों का प्रस्ताव तैयार किया गया है। आए दिन शहर में नल से गंदे जलापूर्ति का हल्ला मचता है। कुछ दिनों की ही बात है, नई व्यवस्था साकार रूप लेगी और शहर को साफ पानी मिलने लगेगा। शहर में करीब 400 किमी. पुरानी पाइप लाइन बदलकर 440 किमी. नई पाइप लाइन बिछाने की योजना बन गई है।
स्मार्ट सिटी इलाहाबाद के लिए नागरिक सुविधाओं के 24 बिंदुओं के लिए बने प्रस्ताव में जलकल विभाग का प्रस्ताव भी शामिल है। स्मार्ट सिटी के लिए जलकल विभाग के प्रस्ताव का खाका शहरी क्षेत्र में रहने वाले करीब 20 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। शहर में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता तो है किंतु उसके वितरण की व्यवस्था चौपट है। लंबे समय से जलापूर्ति में सुधार न होने के कारण लोगों ने आरओ आदि लगवा रखे हैं। हालांकि यह व्यवस्था हर किसी के बस में नहीं है। आम जनता की इस परेशानी को हल करने के लिए पुरानी पाइपों को बदलना जरूरी हो गया। ये पाइपें काफी पुरानी हैं और इनमें कई जगह लीकेज है। इससे पानी के साथ कचरा और तमाम अशुद्धियां भी मिल रही हैं। जो कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही हैं।
............
हर कनेक्शन में लगेगा मीटर
स्मार्ट सिटी के मानक के अनुसार हर घर के वाटर कनेक्शन में मीटर लगेगा। जिस घर में जितने पानी का इस्तेमाल होगा उससे उतना बिल वसूला जाएगा। इससे पानी का दुरुपयोग भी कम होगा और हर घर को पानी उपलब्ध होगा। स्मार्ट सिटी के मद में फंड आने पर मीटर लगाने का काम शुरू होगा।
.........
गुणवत्ता जांचने को बनेगी लैब
नए मानक के अनुसार पानी की क्वालिटी जांचने के लिए लैब बनाई जाएगी। अभी जलकल विभाग में पानी की क्वालिटी जांचने के लिए लैब है लेकिन वह मानकों के अनुरूप पर्याप्त नहीं है। इसलिए स्मार्ट सिटी के मानक पर यहां पर एक लैब बनाई जाएगी।
............
घर-घर पानी पहुंचाने की स्थिति
शहर के करीब दो लाख घरों में पानी पहुंचाने के लिए जलकल विभाग रोजाना 80 एमएलडी पानी यमुना से लेता है। इस पानी को खुशरोबाग के एक बड़े टैंक में इकट्ठा किया जाता है। फिर इसे फिल्टर करके पाइप के माध्यम से लोगों को पीने के लिए घरों में भेजा जाता है। इसके अलावा 252 बड़े नलकूप ओर 291 मिनी नलकूप से पानी सप्लाई होता है। शहर भर की पाइप लाइनें आपस में इंटरकनेक्ट है। इससे अगर एक इलाके का पंप नहीं चला तो दूसरे इलाके के पंप से पानी लोगों के घर पहुंच जाता है। इसी इंटरकनेक्ट पाइपलाइन में यमुना का पानी फिल्टर करके डाला जाता है।
...........
आमदनी कम, खर्च ज्यादा
पानी बिल की वसूली में भी जलकल विभाग काफी पीछे है। शहर भर के लोगों पर विभाग का करोड़ों रुपये बकाया है। जलकल के महाप्रबंधक ने बताया कि पिछले साल जलकर के रूप में 39 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। जबकि पानी सप्लाई पर 42 करोड़ रुपये खर्च हो गए। इस सत्र में 67 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। सत्र समाप्त होने में अभी चार महीने बाकी है लेकिन बिल जमा नहीं हो रहा है। अधिक से अधिक लोग बिल जमा कर दें इसके लिए मेयर अभिलाषा गुप्ता ने बिल पर लगने वाले ब्याज में छूट देने की घोषणा कर दी है। यह छूट 30 दिसंबर तक लागू रहेगी।
...............
-प्रति व्यक्ति एक दिन में 135 लीटर पानी की जरुरत होती है। इस जरुरत के अनुसार पानी उपलब्ध है लेकिन सप्लाई व्यवस्था को सुधारने की जरुरत है। व्यवस्था सुधारने के लिए प्लान बना लिया है और अटल योजना से पैसे आने हैं, उससे काम पूरा हो जाएगा। यह योजना स्मार्ट सिटी के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
-आरपीएस सलूजा, महाप्रबंधक, जलकल विभाग