'भरत नाट्यम' में झलकी भारतीय संस्कृति
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : विख्यात भरत नाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन की मनमोहक नृत्य प्रस्
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : विख्यात भरत नाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन की मनमोहक नृत्य प्रस्तुति ने शनिवार को शहरियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह मौका था इलाहाबाद संग्रहालय में डा.आनंद कुमार स्वामी स्मृति में आयोजित व्याख्यानमाला का।
शास्त्रीय संगीत की धुनों पर मशहूर नृत्यांगना की थिरकन और उनकी भाव भंगिमा को देखकर सभी मंत्रमुग्ध थे। इसके पूर्व उन्होंने बतौर मुख्य वक्ता व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए भारतीय कला के क्षेत्र में डा.आनंद कुमार स्वामी के योगदान पर प्रकाश डाला। बताया कि कुमार स्वामी ने पाश्चात्य कला समीक्षकों के समक्ष भारतीय दृष्टि को प्रस्तुत करते हुए सौंदर्य को कला की देह तथा रस को उसकी आत्मा बताई। विशिष्ट अतिथि प्रो.मानस मुकुल दास ने डा.कुमार स्वामी की 'डांस ऑफ शिव' को कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने उसके आध्यात्मिक और दार्शनिक पक्ष को भी रेखांकित किया। मंडलायुक्त राजन शुक्ला ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते मनमोहक प्रस्तुति व व्याख्यान के लिए डा.गीता चंद्रन की की प्रशंसा की। इसके पूर्व इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश पुरोहित ने सभी का स्वागत किया। आभार ज्ञापन डा.ओए वानखेड़े ने किया। संचालन-संयोजन डा.राजेश मिश्र और डा.संजू मिश्र ने किया। डा.सुशील शुक्ल, स्वप्निल आदि ने कार्यक्रम संयोजन में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं व अन्य मौजूद रहे।