सर्दी में भी अफसरों को छूट रहा पसीना
जासं, इलाहाबाद : वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अब कुछ महीने ही बचे हैं मगर वाणिज्यकर विभाग अपने लक्ष्य
जासं, इलाहाबाद : वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अब कुछ महीने ही बचे हैं मगर वाणिज्यकर विभाग अपने लक्ष्य के अनुरूप राजस्व नहीं जुटा पा रहा है। इस कवायद में अफसरों को सर्दी में भी पसीने छूट रहे हैं। सीमेंट की बिक्री कम होने और ईट-भट्ठों की कंपाउडिंग का काम न होने के कारण विभाग नवंबर तक मात्र 80 फीसद ही राजस्व एकत्रित कर पाया है। यह हाल तब है, जबकि नवंबर व दिसंबर माह को महकमा राजस्व वसूली के लिए सबसे मुफीद मानता है।
इलाहाबाद के वाणिज्यकर विभाग को नवंबर तक 989.81 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया गया था। नवंबर का महीना खत्म होने को है, लेकिन अभी तक केवल 718 करोड़ रुपये का राजस्व ही हासिल हो सका है। जो कुल लक्ष्य का 80 फीसद है। नवंबर महीने में 147.43 करोड़ रुपये राजस्व जुटाना था, लेकिन 65 फीसद राजस्व इकट्ठा करने में अधिकारियों और कर्मचारियों की सांसें फूल गई हैं। अप्रैल से लेकर जुलाई तक तो वसूली संतोषजनक रही मगर उसके बाद उतार-चढ़ाव का क्रम शुरू हो गया। विभागीय अधिकारी मानकर चल रहे थे कि मौसम ठंडा होने पर सीमेंट बेचने वाली कंपनियां और ईट भट्ठे चलाने वालों की चांदी होगी और उनका भंडार भी भर जाएगा, लेकिन ईट भट्ठों की कंपाउडिंग न होने से उनको मुंह की खानी पड़ी। इतना ही नहीं इस बार दीपावली अक्टूबर महीने में पड़ने के कारण विभाग ने अक्टूबर में तो 130.12 करोड़ के सापेक्ष 108 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा कर लिया, लेकिन नवंबर में 60 फीसद लक्ष्य पूरा करने में विभाग को दिन में तारे दिखाई पड़े। बची कसर पिछले दो महीनों से विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगने के कारण पूरी हो गई। हालत यह है कि 40 फीसद कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में पसीना बहा रहे हैं। राजस्व घटने के कारण उच्च अधिकारियों की तकलीफ बढ़ गई है। इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-ए अंबेश श्रीवास्तव का कहना है कि नवंबर में राजस्व लक्ष्य पिछले महीने से 35 फीसद से ज्यादा था। कारोबार कम होने के कारण राजस्व तेजी से घट है, जबकि सर्दी में इसमें बढ़ोतरी होती है।