'बैर बढ़ाते मंदिर-मस्जिद, मेल कराती मधुशाला'
जासं, इलाहाबाद : अपनी लेखनी से दुनिया में शहर का नाम रौशन करने वाले सुप्रसिद्ध कवि डा.हरिवंश राय बच्
जासं, इलाहाबाद : अपनी लेखनी से दुनिया में शहर का नाम रौशन करने वाले सुप्रसिद्ध कवि डा.हरिवंश राय बच्चन को जयंती समारोह पर शहर में याद किया गया। तमाम स्वयंसेवी संगठनों ने उनकी याद में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। चंद्रशेखर आजाद पार्क में भोर सांस्कृतिक मंच की ओर से आयोजित संगीत संध्या में प्रस्तुतियों ने लोगों का दिल जीत लिया।
मशहूर गजल-भजन गायक आशुतोष श्रीवास्तव ने अपने आवाज का जादू बिखेर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके 'बैर बढ़ाते मंदिर मस्जिद, मेल कराती मधुशाला' में गायकी अंदाज को लोगों ने खूब सराहा। 'छोटे से जीवन में कितना प्यार करूं पीलूं हाला', 'मेरे अधरों पर हो न अंतिम' जैसे कई कविताओं को गायकी के रूप में पेश किया गया। प्रयास संस्था की ओर से प्रीतम नगर में डा.बच्चन की जयंती समारोह मनाई गई। इस दौरान उनकी प्रसिद्ध पुस्तक मधुशाला की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोगिता विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के डा.अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने डा.हरिवंश बच्चन से जुड़ी रोचक बातों को साझा किया। संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शरद श्रीवास्तव, समाजसेवी सुमित श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, हरि मोहन वर्मा, पीसी वर्मा, नवीन सिन्हा, आदि उपस्थित रहे। प्रयागराज सेवा समिति की ओर से दारागंज में डा.बच्चन की रचनाओं का पाठ किया गया। संस्था के सांस्कृतिक मंत्री विष्णु दयाल श्रीवास्तव ने मधुशाला की कई पंक्तियों को संगीतमयी अंदाज में पेश कर लोगों का दिल जीत लिया। डा.सजश्री पांडेय, रवि नयन त्रिपाठी, आशा पांडेय, अनुपमा पांडेय, गुरूदयाल श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।