'तेरा करम है करामत शाह मेरी बात बन गई है'
जासं, इलाहाबाद : दरगाह हजरत सैयद करामत अली उर्फ लाइन शाह बाबा के दरबार में जायरीनों की भारी भीड़ जुटी
जासं, इलाहाबाद : दरगाह हजरत सैयद करामत अली उर्फ लाइन शाह बाबा के दरबार में जायरीनों की भारी भीड़ जुटी। इलाहाबाद जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म पर स्थित दरगाह में चल रहे पांच दिवसीय उर्स के अंतिम दिन शुक्रवार को बाबा की चौखट पर मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से हर जाति-धर्म के लोग पहुंचे। जायरीनों ने बाबा की चौखट पर माला-फूल व चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगी। सुबह नागपुर से आए कव्वाल अल्ताफ हुसैन ने बाबा की शान में कलाम पेश किए। उन्होंने 'तेरा करम है करामत शाह मेरी बात बन गई है, तेरे आशिकों की महफिल तेरे ही दम से सजी है।' सुनाकर सबको भावविभोर कर दिया। बाबा रंग कलाम सुनकर जायरीनों ने एक-दूसरे पर गुलाब के फूल की पंखुड़ियां व गुलाब जल छिड़का।
जबलपुर से आए शहनाई वादक रमजान ने सूफियाना धुन बजाकर समां बांध दिया। नागपुर के कलंदरियों ने अपने करतब दिखा हर किसी को दंग कर दिया। पीर तरीकत सूफी मो. सिद्दीकी एवं रिजवान हामिद सफवी ने कुरानपाक की तिलावत कर फातिहा पढ़ा। इस दौरान मोईनउद्दीन, हाजी इंतेजार अहमद, उसमान अहमद, वजीर खां, अतहर हुसैन, मो. दानिश, अबरार अहमद, महबूब डाबर, मो. रफी मौजूद थे।