पहाड़ों से आए महताब का कौशांबी से था गहरा नाता
जासं,इलाहाबाद : पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मारे गए महताब का उत्तराखंड ही नहीं बल्कि कौशांबी
जासं,इलाहाबाद : पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मारे गए महताब का उत्तराखंड ही नहीं बल्कि कौशांबी से भी गहरा नाता है। नैनीताल के महताब की मां से कौशांबी के सैनी निवासी मनोज गुप्ता ने दूसरी शादी की थी। इसीलिए महताब अपने पिता के नाम के आगे सलीम लिखता था। धमाके के बाद पड़ताल में इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो उसके पिता की खोजबीन शुरू कर दी गई। हालांकि महताब के पास उसका पिता यदा-कदा ही आता था।
नैनी में रामानंद तिवारी के यहां किराए का कमरा लेकर रहने वाला महताब आलम शातिर था। महताब मूलरूप से नैनीताल का रहने वाला है। कौशांबी के सैनी निवासी मनोज गुप्ता ने उसकी मां से दूसरी शादी की थी। मनोज गुप्ता का परिचय अपने पिता सलीम खान के रूप में करवाता था। मनोज महताब के कमरे में अक्सर आता था। मनोज के कमरे में यमुना पार इलाके के अपराधी आते थे। यही कारण था कि पंजाबी हाता के लोग उसे भगाना चाहते थे। रामानंद के भाई ब्रह्मानंद को भी इस पर एतराज था, वह कई बार महताब को मकान खाली करने को कह चुके थे। विस्फोट के बाद पुलिस महताब के पिता सलीम उर्फ मनोज गुप्ता की तलाश में जुट गई है। पुलिस का मानना है कि महताब क्या करता है, उसके किन लोगों से संबंध है, इसकी सारी जानकारी उसके पिता के पास है। पिता की तलाश में एक टीम कौशांबी भी भेजी गई है।
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महताब से क्यों मिलते थे पुलिस कर्मी
मृतक महताब के संबंध अपराधियों से ही नहीं बल्कि पुलिसकर्मियों से भी अच्छे रिश्ते थे। अक्सर उसके कमरे में पुलिस कर्मी आते थे। नैनी इलाके की पुलिस में उसकी गहरी पैठ थी। धमाके के बाद उसकी एक-एक गतिविधियां खुलकर सामने आने लगीं तो अधिकारियों ने इन सभी जानकारियों को गंभीरता से लिया। महताब से मिलने वाले पुलिस कर्मियों की अधिकारियों ने जानकारी मांगी है।
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विस्फोट को लेकर उलझे रहे पुलिस अफसर
नैनी के पंजाबी हाता में हुए विस्फोट को लेकर देर शाम तक पुलिस अफसर उलझे रहे। रामानंद के बेसमेंट में महताब बम बना रहा था अथवा पटाखा तैयार कर रहा था, इसको लेकर देर शाम तक अफसरों के बीच मतभेद बना रहा। यमुनापार एसपी कुछ कह रहे थे तो एसएसपी कुछ बता रहे थे। देर शाम एसएसपी इस नतीजे पर पहुंचे कि धमाका पटाखा फैक्ट्री में हुआ है। पंजाबी हाता में हुए विस्फोट के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों की जांच की दिशा एक दूसरे से अलग ही रही। एसपी यमुनापार आशुतोष मिश्र का मानना था कि पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ है, जबकि एसएसपी केएस इमेनुएल व उनकी टीम का मानना था कि धमाका बम बनाते समय हुआ है। इसको लेकर अधिकारियों के बीच स्थिति साफ नहीं हो रही थी। यह भी कि वह अपराधियों को बम की सप्लाई भी किया करता था। वहीं आइजी बीबी शर्मा के पीआरओ को बताया गया था कि सिलेंडर से धमाका हुआ है। देर शाम एसएसपी केएस इमेनुएल ने बताया कि महताब अवैध तरीके से बेसमेंट में पटाखा बना रहा था। पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ। जांच के दौरान मलबे में पटाखे मिले हैं।