स्मार्ट सिटी में---कर रहे बिजली चोरी और सपना स्मार्ट सिटी का
जासं, इलाहाबाद : संगम नगरी ने स्मार्ट सिटी की तरफ कदम बढ़ा दिया है लेकिन यहां की आबोहवा के बदलने में
जासं, इलाहाबाद : संगम नगरी ने स्मार्ट सिटी की तरफ कदम बढ़ा दिया है लेकिन यहां की आबोहवा के बदलने में बहुत वक्त लगने की उम्मीद है। स्मार्ट सिटी के लिहाज से न ही अफसरों ने अभी खास तैयारी शुरू की है और न ही लोगों की सोच में बदलाव होता दिखाई दे रहा है। कम से कम बिजली के इस्तेमाल को लेकर लोगों के नजरिया में परिवर्तन नहीं हो रहा है। बहुत से लोगों द्वारा भरपूर बिजली चोरी की जा रही है। विद्युत विभाग बिजली चोरी, कटियामारी और लाइन हानि पर नियंत्रण के लिए छह उपकेंद्रों ने अभियान छेड़ा है मगर उसका भी बहुत असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है।
विद्युत विभाग ने 21 जुलाई से नगरीय क्षेत्र के छह खंडों रामबाग, कल्याणी देवी, बमरौली, टैगोर टाउन, म्योहाल और नैनी के छह उपकेंद्रों क्रमश: बैरहना, पॉवर हाउस, चौफटका, जार्जटाउन, म्योहाल, और जेल रोड से जुड़े क्षेत्रों में अभियान शुरू किया है। 21 सितंबर तक चलने वाली जांच में इन उपकेंद्रों की लाइन हानि को 15 फीसद तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। पर ज्यादा लाइन हानि वाले सब स्टेशनों करेली, कसारी-मसारी, बेली, तेलियरगंज, कल्याणी देवी, फाफामऊ, इंदलपुर, खुशरोबाग उपकेंद्रों को अभियान में शामिल नहीं किया गया। खास बात यह कि अभियान के दौरान आम लोगों के साथ बड़े-बड़े अफसर भी बिजली चोरी में पकड़े गए। वहीं, अगर विद्युत विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा लाइन हानि करेली विद्युत उपकेंद्र में करीब 42 फीसद है। इसी प्रकार खुशरोबाग में 32-33, पॉवर हाउस में 25, कसारी-मसारी में 32, चौफटका में 27, केंद्रांचल में 24-25, बेली में 22-23, म्योहाल में 18-19, वेस्ट एंड में 17, इंदलपुर में 20-21, फाफामऊ में 28, तेलियरगंज में 28 और जार्जटाउन में 21-22 प्रतिशत लाइन लॉस है। अफसरों का मानना है कि लाइन हानि में बिजली चोरी का हिस्सा ज्यादा है। संसाधनों का विभागीय अपग्रेडेशन न होने से हानि अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, मुख्य अभियंता एसपी पांडेय दावा करते हैं, कि अभियान के लिए जिन उपकेंद्रों का चयन किया गया है। उस पर लाइन हानि 15 प्रतिशत तक लाया जाएगा।