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..मेरी चाहत है ये सूरत बदलनी चाहिए

इलाहाबाद : एशिया का प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे अवार्ड पाने वाले संजीव चतुर्वेदी के नाम का एलान होने से

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 01:01 AM (IST)
..मेरी चाहत है ये सूरत बदलनी चाहिए

इलाहाबाद : एशिया का प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे अवार्ड पाने वाले संजीव चतुर्वेदी के नाम का एलान होने से इलाहाबाद में भी खुशी की लहर है। संजीव ने यहां के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग की पढ़ाई की थी। संस्थान के शिक्षक एवं संजीव के मित्रों के साथ मौजूदा छात्र-छात्राएं अपने को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

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संजीव के सहपाठी कानपुर निवासी कमलकांत कनौजिया बोले, साथी की उपलब्धि पर गौरवान्वित हूं। इस समय देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है उसमें संजीव व्हिसलब्लोअर बने यह अच्छी बात है। युवाओं को आगे बढ़कर यह मशाल थामनी चाहिए। कमल ने कहा कि संजीव शायद इलाहाबाद के ही ममफोर्डगंज के रहने वाले थे, क्योंकि वह कभी हॉस्टल में नहीं रहे। संजीव क्लास में टॉपर तो नहीं थे, लेकिन उनकी गणना अच्छे छात्रों में होती थी। साथ ही सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ वह स्कूली दिनों में ही मुखर होकर बोलते थे। शिक्षक रमेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उस बैच के बच्चों को पढ़ाया है, बच्चे मेधावी थे। त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि संजीव को जो संस्कार कालेज में मिले उसे आगे बढ़ाया।

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दीप जोशी भी हो चुके सम्मानित

इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के संजीव चतुर्वेदी पहले छात्र नहीं है जिन्हें एशिया का रेमन मैग्सेसे सम्मान मिला है। संस्थान के डिप्टी लाइब्रेरियन रितेश साहू बताते हैं कि इसके पहले वर्ष 2009 में दीप जोशी भी यह सम्मान पा चुके हैं।


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