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गंगा से साजिश कर रहा शासनतंत्र : निश्चलानंद

झूंसी, इलाहाबाद : विश्व ¨हदू परिषद के संरक्षक अशोक सिंहल व वरिष्ठ भाजपा नेता व कानपुर के सांसद डॉ. म

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 01:44 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 01:44 AM (IST)
गंगा से साजिश कर रहा शासनतंत्र : निश्चलानंद

झूंसी, इलाहाबाद : विश्व ¨हदू परिषद के संरक्षक अशोक सिंहल व वरिष्ठ भाजपा नेता व कानपुर के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी के बाद पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने गंगा की निमर्लता के लिए बनी 'नमामि गंगे योजना' की सार्थकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कहा कि गंगा के साथ शासन तंत्र लगातार साजिश कर रहा है। वह चाहता ही नहीं कि गंगा निर्मल हों।

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रविवार को प्रयाग पहुंचे शंकराचार्य ने झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम में कहा कि नालों और उद्योगों का कचरा गंगा में अभी भी बहाया जा रहा है। इससे गंगा विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। दूसरी ओर करोड़ों अरबों की योजनाएं बनाकर सरकार स्वयं अपनी पीठ थपथपा रही है।

कहा कि जब तक गंगा में नालों, कानपुर के उद्योगों का कचरा व गंदा पानी प्रवाहित होता रहेगा, तब तक उनका स्वरूप नहीं बदलेगा। विकास के नाम पर पहाड़ों को तोड़कर सुरंग, बांध और नहरों का निर्माण हो रहा है। बिजली के लिए गंगा को जगह-जगह पर कैद करने का सिलसिला जारी है। ऐसे में उनका अस्तित्व कैसे बच सकता है? गंगा को अविरल किए बिना निर्मल नहीं बनाया जा सकता। कहा कि स्मार्ट सिटी और पक्के घाटों के बनने से गंगा निर्मल नहीं होंगी। सरकार इसके जरिए गंगा की निर्मलता एवं अविरलता की लड़ाई लड़ रहे भक्तों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।

ज्योतिष पीठ को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के बीच चल रही कानूनी लड़ाई पर उन्होंने खुलकर कुछ नहीं बोला। सिर्फ यही कहा कि सत्य को स्वीकारने की क्षमता और त्याग की भावना से इस विवाद को हल किया जा सकता है। कहा कि कानूनी लड़ाई लंबी खिंचने से सनातन धर्मावलंबियों की आस्था पर ठेस पहुंच रही है। इससे बचने की जरूरत है।


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