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न गंगा जल का पता, न घाटों का

जासं, इलाहाबाद : गंगा में कम होता जल और उसमें मिलता नालों का गंदा पानी, घाटों पर फैली गंदगी मलमास मे

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 06:23 PM (IST)
न गंगा जल का पता, न घाटों का

जासं, इलाहाबाद : गंगा में कम होता जल और उसमें मिलता नालों का गंदा पानी, घाटों पर फैली गंदगी मलमास में भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचा रही है। दूर-दूर से आने वाले भक्त गंगाघाट पर पहुंचते हैं तो दुर्दशा देखकर उनका हृदय व्याकुल हो उठता है। घाटों पर हर ओर गंदगी फैली है, जिसकी दुर्गध से वहां चंद मिनट रुकना भी मुश्किल होता है। अनेक संस्थाओं ने नगर निगम व जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर सफाई व प्रकाश की व्यवस्था करने की मांग की, लेकिन उसे नजर अंदाज कर दिया गया। वहीं मलमास के बाद देवाधिदेव महादेव शंकर की स्तुति का माह श्रावण शुरू होगा। एक अगस्त से शुरू हो रहे श्रावण में गंगा घाटों पर शिवभक्त कांवरियों का मजमा लगेगा। वह गंगा में स्नान कर यहां से जल लेकर दशाश्वमेध, मनकामेश्वर, शिवकोटि में जलाभिषेक करने के साथ काशी विश्वनाथ एवं बाबा धाम जाते हैं। तब तक घाटों की स्थिति न सुधरी तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

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हर घाट दुर्दशा का शिकार

मलमास व श्रावण मास में सबसे अधिक भीड़ दशाश्वमेध एवं संगम घाट पर जुटती है। जहां चारों ओर गंदगी फैली हुई है। दोनों घाटों के इर्द-गिर्द कीचड़ भरा है, जिसमें स्नानार्थियों का पांव फंस जाता है। इधर-उधर पूजन सामग्री एवं फटे पुराने कपड़ों के फेंके रहने से स्थिति और खराब हो जाती है। इसके अलावा रामघाट, दारागंज घाट, सलोरी व गंगोली शिवाला मार्ग पर स्थित गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार है। स्नान के लिए घाट न बनने से श्रद्धालुओं को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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गिर रहा नालों का पानी

गंगा में नालों का पानी गिरने का सिलसिला जारी है। स्थिति यह है कि दशाश्वमेध, दारागंज, सलोरी और रसूलाबाद गंगाघाट के पास नालों का पानी गिर रहा है। श्रद्धालु मजबूरी में उसी गंदे पानी में स्नान कर रहे हैं।

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अफसरों को घेरने की तैयारी

गंगा के घाटों की दुर्दशा पर हरिहर आरती समिति के बैनर तले गंगा भक्तों ने दशाश्वमेध घाट दारागंज पर रविवार को प्रदर्शन किया था। महासचिव अवधेश गुप्त अब नगर निगम व प्रशासनिक अधिकारियों को घेरने की तैयारी में हैं। कहते हैं मलमास के बाद सावन का महीना शुरू होगा, जिससे शिवभक्तों से हर घाट 24 घंटे भरा रहता है। बावजूद इसके न तो घाटों की सफाई हो रही है, न ही वहां प्रकाश की कोई व्यवस्था है।

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गंगाघाटों की दुर्दशा को लेकर नगर आयुक्त व जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन दिया है। एक सप्ताह में घाटों पर सफाई व प्रकाश की व्यवस्था न हुई तो नगर निगम में बेमियादी धरना शुरू करेंगे।

-गणेश केसरवानी, पार्षद कृष्णनगर।

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गंगा एवं उनके घाटों की दुर्दशा से सनातन धर्मावलंबी आहत हैं। केंद्र व राज्य सरकार को सीधे दखल देते हुए गंगा में जल बढ़ाने की पहल करनी चाहिए। साथ ही घाटों को दुरुस्त कर प्रकाश की उचित व्यवस्था की जाए।

-राजेंद्र पालीवाल, महामंत्री प्रयागवाल सभा।


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