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सूबे की कोचिंगों पर मप्र एसटीएफ की नजर

तारा चंद्र गुप्त, इलाहाबाद : मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच में जुटी म

By Edited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 12:57 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2015 12:57 AM (IST)
सूबे की कोचिंगों पर मप्र एसटीएफ की नजर

तारा चंद्र गुप्त, इलाहाबाद : मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच में जुटी मप्र स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नजर सूबे में संचालित कई कोचिंगों पर है। दरअसल तफ्तीश के दौरान पता चला है कि उत्तर प्रदेश के करीब आठ शहरों की 22 कोचिंग ऐसी हैं, जहां से स्कोरर का ताल्लुक रहा है। अब तक तीन कोचिंग संस्थान से जुड़े 11 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इसमें कई और संदिग्ध लोगों के बारे में पता चला है।

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एसटीएफ और विशेष जांच दल (एसआइटी) को जो इनपुट मिले हैं, उससे यह पता चला है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में रहने वाले करीब 200 स्कोरर ऐसे हैं, जिन्होंने मेडिकल परीक्षा में गलत लोगों को उत्तीर्ण कराया है। ऐसे स्कोररों पर पांच-पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया जा चुका है। इनाम घोषित होने के बाद जांच टीम को ऐसे कई सुराग मिले हैं, और संदिग्ध कोचिंगों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। एसआइटी और एसटीएफ के निशाने पर कानपुर का काकादेव इलाका खास तौर पर है। यहां की कोचिंगों में पढ़ने वाले करीब 14 छात्र घोटाले में शामिल रहे हैं। एसटीएफ और एसआइटी की अलग-अलग टीमें अर्से से सूबे के विभिन्न शहरों में अपने स्तर पर छानबीन कर रही है। फोन के जरिए भी घोटाले में संलिप्त कुछ युवा चिकित्सकों के बारे में पता चला लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। एसटीएफ की नजर टेढ़ी होने से कोचिंग संचालकों में खलबली मची है।

जानकारों का कहना है कि इलाहाबाद, कानपुर, गोरखपुर, लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद शहरों में संचालित नामचीन कोचिंगों के बारे में एसटीएफ छानबीन कर रही है। जांच टीम के निशाने पर ऐसी कोचिंग प्रमुखता से हैं, जिनकी एक से अधिक शाखाएं हैं और कई प्रदेशों में फैली है। कोचिंग संचालकों के नेटवर्क और उनसे संबंध रखने वाले बड़े लोगों को भी खंगाला जा रहा है।

वर्जन-

यूपी में कई ऐसी कोचिंग हैं, जहां से परीक्षार्थियों को स्कोरर मुहैया कराए गए थे। कानपुर के काकादेव समेत अनेक शहरों की कोचिंग के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इनके संचालकों से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है।

आशीष खरे, एसपी एसटीएफ, जबलपुर


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