दो और मेडिकल छात्र संदेह के घेरे में
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2013 में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्र
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2013 में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्र राजधारी यादव की गिरफ्तारी के बाद दो और छात्र संदेह के घेरे में हैं। जबलपुर से आई स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने दो महीने पहले एसपी सिटी राजेश कुमार से तीन छात्रों के बारे में जानकारी मांगी थी। उनमें से एक राजधारी यादव भी था। उसे दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने का दोषी पाया गया था। जबलपुर क्राइम ब्रांच उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
दो साल पहले हुई पीएमटी परीक्षा में मेडिकल प्रशासन की रिपोर्ट पर जबलपुर में 39 छात्रों के खिलाफ फर्जी तरीके से परीक्षा देने की शिकायत दर्ज की गई थी। इन सभी आरोपी छात्रों को क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए उठा लिया था। तहकीकात के दौरान जगदीश सिंह मुवेल नाम के आरोपी ने बताया था कि उसकी जगह आजमगढ़ जिले के राजधारी यादव ने परीक्षा दी थी। राजधारी इन दिनों मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है। जबलपुर की क्राइम ब्रांच ने उसे बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, फिर गिरफ्तार कर उसे रिमांड पर ले लिया। अब ऐसे में मेडिकल कॉलेज के वह दो छात्र भी संदेह के घेरे में हैं, जिनके बारे में जबलपुर एसआइटी ने एसपी सिटी से जानकारी मांगी थी। बहरहाल इस प्रकरण को लेकर कॉलेज प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से इस संबंध जानकारी मांगने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
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निलंबित छात्र तो नहीं हैं वह
सप्ताह भर पहले सरस्वती घाट पर एक फौजी से मारपीट करने के आरोप में मेडिकल कॉलेज के 28 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था। उन छात्रों में से तीन राजधारी के घनिष्ट मित्र हैं। ऐसे में यह भी शक है कि जबलपुर एसआइटी को जिन दो और छात्रों पर शक है वह निलंबित छात्रों में से ही तो नहीं हैं।
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कानपुर में आया चंगुल में!
राजधारी की गिरफ्तारी से उसके साथी दंग हैं। वह राजधारी को बेहद लगनशील और मेधावी मानते हैं। उनका कहना है कि राजधारी किसान परिवार से जुड़ा है और परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं। इसी वजह से वह पूरी तल्लीनता से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था। दोस्तों के बीच यह भी चर्चा है कि उसने कानपुर से मेडिकल परीक्षा की तैयारी की थी। वहां वह काफी दिनों तक था। ऐसा तो नहीं कि वह उसी दौरान परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले किसी गिरोह के चंगुल में फंस गया और लालच में आकर दूसरे की जगह परीक्षा दी हो।