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मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर पर हड़ताल की गाज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : आनंद हास्पिटल के चिकित्सक डॉ. रोहित गुप्ता की पिटाई के बाद इलाहाबाद मेडि

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:03 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर
पर हड़ताल की गाज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : आनंद हास्पिटल के चिकित्सक डॉ. रोहित गुप्ता की पिटाई के बाद इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर हुई निजी क्षेत्र के चिकित्सकों की हड़ताल में सरकारी मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों व चिकित्सकों के शामिल होने पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर व यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिलीप चौरसिया को निलंबित कर दिया है। साथ ही गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मनीषा द्विवेदी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। डॉ. द्विवेदी सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर कार्यरत थीं।

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कचहरी के समीप आनंद हास्पिटल के चिकित्सक डॉ. रोहित गुप्ता पर 11 अप्रैल की रात तीमारदारों ने हमला कर दिया था। इसके विरोध में इलाहाबाद मेडिकल एसोसियेशन ने 12 अप्रैल को चिकित्सकीय सेवाएं ठप कर इलाहाबाद लखनऊ मार्ग पर चक्काजाम कर दिया था। निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ मेडिकल कालेज और एसआरएन अस्पताल के चिकित्सक भी इस हड़ताल में शामिल हो गए थे। कई चिकित्सक चक्काजाम में भी शामिल थे। इस मामले में डॉ. दिलीप चौरसिया और डॉ. मनीषा द्विवेदी सहित नौ चिकित्सकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है।

प्रदेश सरकार ने इस हड़ताल में सरकारी चिकित्सकों के शामिल होने पर कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने पूरे प्रकरण पर जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी। जिलाधिकारी ने शासन को भेजी रिपोर्ट में डॉ. दिलीप और डॉ. मनीषा पर एसआरएन अस्पताल की सेवाएं बाधित करने का आरोप लगाया है। कहा कि उन्होंने हड़ताल के लिए चिकित्सकों को उकसाया। इस तरह अस्पताल की सेवाएं बाधित कर दोनों प्रोफेसरों ने आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) का उल्लंघन किया है। इससे पूर्व तत्कालीन मंडलायुक्त बादल चटर्जी के निर्देश पर बनी जांच समिति ने डॉ. चौरसिया को प्राइवेट प्रैक्टिस करने का दोषी पाया था। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा अनुभाग) राज प्रताप सिंह ने दोनो रिपोर्ट को आधार बनाकर डॉ. दिलीप चौरसिया को तत्कालप्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्हें महानिदेशालय चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण से संबद्ध कर किया गया है। निलंबन अवधि में डॉ. चौरसिया को जीवन भत्ता इस शर्त के अधीन अनुमन्य होगा कि वह इस आशय का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं, जिससे साबित हो कि वह किसी अन्य वृत्ति अथवा रोजगार में संलिप्त नहीं हैं। डॉ. मनीषा द्विवेदी की संविदा को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही कमिश्नर वीके सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त कर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।


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