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अब विज्ञान संवारेगा आदर्श गांव की तस्वीर

धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद : 'बात निकली है तो दूर तलक जाएगी'। जी हां, यह बात भारत सरकार के विज्ञान एवं

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 12:54 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 12:54 AM (IST)
अब विज्ञान संवारेगा आदर्श गांव की तस्वीर

धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद : 'बात निकली है तो दूर तलक जाएगी'। जी हां, यह बात भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय पर पूरी तरह से लागू होती है। मंत्रालय की योजना अनुसार विज्ञान के सहारे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श गांव बनारस के जयापुर को ही नहीं संवारा जाएगा, बल्कि देश भर के सभी आदर्श गांवों को इसकी मदद से लकदक बनाने की योजना है। इसकी शुरुआत जयापुर से होगी। इस प्रयोग को मंत्रालय अन्य गांवों में भी दोहरा सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों के विकास की जिम्मेदारी सांसदों पर डाली है। उनके निर्देश पर ही सभी सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक-एक गांव को चयनित किया है। इन गांवों का कायाकल्प कर इन्हें एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए सरकार ने कोई अलग से फंड नहीं दिया है। मौजूदा योजनाओं व उपलब्ध फंड से ही यह कार्य किया जाना है। बहुतेरे सांसदों ने अपने स्तर से कुछ कार्य प्रारंभ किया पर अधिकांश गांवों में इसका कोई खास असर दिख नहीं रहा है।

ऐसे में केंद्र सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस कार्य में सांसदों की मदद करने जा रहा है। 'विज्ञान तू कौशलम्' देश की छह चुनिंदा संस्थाएं नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (नासी) इलाहाबाद, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट लखनऊ, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया देहरादून, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून एवं आर्य वल्लभ इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशन साइंस नैनीताल मिलकर आदर्श गांव में विज्ञान की मदद से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास की योजनाएं चलाएंगी। पूरा जोर ग्रामीणों को हुनरमंद बनाने पर है। इसमें बायो फर्टिलाइजर्स, मशरूम की खेती, वर्मी कम्पोस्ट, बांस एवं जूट से बनने वाली सामग्री, टिशू कल्चर, मेडीसिनल एवं एरोमैटिक प्लांट्स की खेती, बायो विलेज निर्माण आदि के काम शामिल हैं। जयापुर में कामयाबी मिली तो इस प्रयोग को अन्य आदर्श गांवों में भी दोहराया जाएगा।

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क्या है 'विज्ञान तू कौशलम' योजना

इलाहाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई आयोजनों में कहा है कि विज्ञान में वह कौशल है कि यदि वह समाज से जुड़कर काम करे तो गांव व शहरों का नक्शा बदल सकता है। उन्होंने ही 'विज्ञान तू कौशलम' का नारा दिया है। इसी वाक्य को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपना लिया है और विज्ञान के जरिए आदर्श गांवों का कायाकल्प करने की योजना बना दी गई है। इस योजना का श्रीगणेश जयापुर में 28 से 30 अप्रैल तक होना है। बाद में विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं अन्य आदर्श गांवों से जुड़ेंगी।

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'प्रधानमंत्री के आदर्श गांव जयापुर में होने वाला तीन दिनी आयोजन 'विज्ञान तू कौशलम' योजना के तहत हो रहा है। इसी योजना के तहत अन्य गांवों में भी विज्ञान के जरिए विकास किया जाएगा।'

डा. नीरज कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी सचिव नासी इलाहाबाद


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