परिणय सूत्र में बंधे ग्यारह विकलांग जोड़े
जासं, इलाहाबाद : कोई बराती बना तो कोई घराती। गाजे बाजे के साथ द्वारचार हुआ तो नम आंखों ने दी विदाई।
जासं, इलाहाबाद : कोई बराती बना तो कोई घराती। गाजे बाजे के साथ द्वारचार हुआ तो नम आंखों ने दी विदाई। सैकड़ों लोग साक्षी बने इस अनोखी शादी के। स्वराज विकलांग सेवा समिति की पहल से ग्याहर विकलांग जोड़े रविवार को सात जन्मों के बंधन में बंधे।
राजर्षि टंडन सेवा केंद्र बैंक रोड में आयोजित कार्यक्रम में शहर के तमाम बुद्धिजीवी, व्यापारी व राजनेता उपस्थित रहे। शादी के बाद दस विकलांगों को ट्राई साइकिल, गुब्बारे व स्टेशनरी के सामान दिए गए। मोबाइल दुकानें पाकर विकलांगों के चेहरे खुशी से झूम उठे। इस मौके पर विकलांगों के लिए कार्य करने वाले पांच लोगों को सम्मानित किया गया। शहर उत्तरी के विधायक अनुग्रह नारायण द्वारा सम्मानित होने वालों में राजकुमार चोपड़ा, सुभाष राठी, अनाथ प्रेम आश्रम के संचालक वीरेंद्र पांडेय व डॉ. नितेश कुमार त्रिपाठी शामिल रहे।
समारोह में प्रो. नीथीश राय कुलपति डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि विकलांगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास होना चाहिए। नारायण यादव ने कहा कि विकलांगों को दया नहीं बल्कि दिशा दीजिए। इस मौके पर प्यारे लाल यादव, वेद प्रकाश यादव, जमुनोत्री देवी, शिवसेवक सिंह, रश्मिी पोद्दार, रीता अजमानी, रमाकांत पाल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन इमरान प्रतापगढ़ी ने किया।