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आखिर कब कसेगा 'बाबाओं' पर शिकंजा

दृश्य एक स्थान : शाहगंज का एक होटल दिन : गुरुवार समय : सुबह 11 बजे होटल के एक कमरे में द

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 01:05 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 01:05 AM (IST)
आखिर कब कसेगा 'बाबाओं' पर शिकंजा

दृश्य एक

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स्थान : शाहगंज का एक होटल

दिन : गुरुवार

समय : सुबह 11 बजे

होटल के एक कमरे में दिल्ली से आए 'बाबा' का दरबार सजा है। अखबारों में उनका इश्तेहार देखकर बड़ी संख्या में परेशानी में फंसे लोगों की भीड़ जुटी है। एक शिष्य बारी-बारी से लोगों को बाबा से मिलवा रहा है। कोतवाली के रानीमंडी मोहल्ले में रहने वाला एक शख्स बाबा से मुखातिब है- महाराज छह महीने से बहुत परेशान हूं। धंधे में घाटा लगा सो अलग, बड़े भाई ने मुकदमे में फंसा दिया है। बाबा - कुंडली लाए हो। शख्स : जी महाराज। बाबा कुछ देर कुंडली देखने के बाद। शनि की ढैय्या है। कुछ उपक्रम करने होंगे। शख्स : बताएं महाराज। एक पूजा करनी होगी, 15000 का खर्च आएगा। तैयार हो तो बाहर पैसा जमा करा दो। शख्स : जी बिल्कुल। वह शख्स पैसे गिनते हुए बाहर चला जाता है।

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दृश्य दो :

स्थान : नैनी बाजार

दिल : बुधवार

समय : शाम के तीन बजे

एक कमरे के बाहर एक बाबा का बोर्ड लगा है। उस पर कर्ज जाल, प्रेत बांधा, प्रेम में असफलता जैसी तमाम समस्याओं से मुक्ति दिलाने का दावा किया गया है। कमरे के बाहर चबूतरे पर गांव-गिरांव से आए लोगों की भीड़ लगी है। एक-एक करके वे अंदर जा रहे हैं और अपनी समस्याएं बता रहे हैं। अंदर काले कपड़े पहनकर बैठा एक दाढ़ी वाला शख्स उनके माथे पर भभूत लगा रहा है और प्रसाद में फूल व नारियल के टुकड़े दे रहा है। प्रसाद लेने वाले 51 से लेकर 501 रुपये तक दक्षिणा में दे रहे हैं। कुछ से टोना-टोटका के खर्च के नाम पर अलग से भी पैसे वसूले जा रहे हैं।

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जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने झाड़-फूंक के नाम पर दुकानदारी करने वालों पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने संगम और उसके आसपास के क्षेत्रों में झाड़-फूंक करने वालों पर शिकंजा कसा भी है मगर तमाम ढोंगी बाबा सीधे-सादे व परेशान लोगों को अब भी खुलेआम ठग रहे हैं। उनके दुस्साहस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपनी दुकान चलाने के लिए बकायदा पत्र-पत्रिकाओं में इश्तेहार भी दे रहे हैं।

आए दिन छपते हैं विज्ञापन : अगर अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले क्लासीफाइड विज्ञापनों पर नजर डाली जाए तो अक्सर कर्ज मुक्ति, प्रेतबाधा निवारण का दावा करने वाले तमाम बाबा किसी होटल या फिर अपने आवास आने का आमंत्रण देते दिखते हैं। उनके पास जाने पर वह रत्‍‌न, पूजा और अन्य उपक्रमों के नाम पर पांच से 50 हजार तक की वसूली करते हैं।

पढ़े-लिखे भी फंस जाते हैं जाल में : इन ढोंगी बाबाओं के जाल में फंसने वालों में बड़ा संख्या पढ़े-लिखे लोगों की है। मेरठ से आकर जानसेनगंज के एक होटल में ठहरने वाले बाबा के तमाम शिष्य शहर के बड़े व्यवसायी हैं। सूत्रों की मानें वह हर नवरात्र पर यहां आता है और यजमानों के घर पूजा-पाठ कराने के बाद लाखों की दक्षिणा समेट कर जाता है। इन बाबाओं की ऊंची पहुंच के चलते पुलिस भी इन पर हाथ डालने से कतराती है।

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शिकायत के अभाव में ऐसे ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। बहरहाल यह बात सामने आई है तो ऐसे लोगों की जानकारी जुटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- एके पांडेय, एसपी क्राइम।


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