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19 डॉक्टरो का वेतन रोकने का आदेश

जासं, इलाहाबाद : सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की लेटलतीफी जारी है। गुरुवार को प्रशासनिक टीम के औच

By Edited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 07:08 PM (IST)
19 डॉक्टरो का वेतन रोकने का आदेश

जासं, इलाहाबाद : सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की लेटलतीफी जारी है। गुरुवार को प्रशासनिक टीम के औचक निरीक्षण में तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली) के 19 डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए, जिनका एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से इन चिकित्सकों से स्पष्टीकरण भी लेने को कहा गया है। निरीक्षण के दौरान टीम ने अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ ही मरीजों से बातचीत भी की।

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कमिश्नर वीके सिंह के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गुरुवार की सुबह आठ बजे बेली अस्पताल पहुंची। सबसे पहले टीम ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कक्ष में उपस्थिति पंजिका का 8 बजकर 17 मिनट पर निरीक्षण किया। निरीक्षण में डॉ. नीति श्रीवास्तव, डॉ. जेपी वर्मा, डॉ. ओपी वर्मा, डॉ. एसएन त्रिपाठी, डॉ. ओपी त्रिपाठी, डॉ. राकेश पाठक, डॉ. आरएस ठाकुर, डॉ. राजकुमार, डॉ. डीके त्रिपाठी, डॉ. एके मिश्रा, डॉ. एपपी सिंह, डॉ. अजय द्विवेदी, डॉ. एमएके खान, डॉ. प्रभाकर रे, डॉ. दीपक सेठ, डॉ. कमलाकर सिंह, डॉ. एम अब्दुल्ला, डॉ. आरके दुबे एवं डॉ. कुंवर प्रताप सिंह के उपस्थित पंजिका पर दस्तखत नहीं पाए गए। इस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके सिंह को अनुपस्थित डॉक्टरों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया। कहा गया कि जिन चिकित्सकों द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाए, उन्हें ही वेतन दिया जाए, शेष का एक दिन का वेतन काट लिया जाए।

इसकेबाद टीम ने नर्सो की उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया। इस दौरान तक ए अमू, ए जोसेफ, शारदा उपस्थित नहीं मिलीं और न ही इन लोगों ने अवकाश संबंधी कोई प्रार्थना पत्र दिया था। सीएमएस को आदेश दिया गया कि अनुपस्थित नर्सो से स्पष्टीकरण लिया जाए, संतोषजनक उत्तर न मिलने पर वेतन काट लिया जाए। इस मौके पर अधिकारियों ने अस्पताल की व्यवस्था का जायजा भी लिया। सफाई कर्मी कार्य करते मिले। वार्डो के निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक टीम ने मरीजों से बात की। मरीजों ने अस्पताल कर्मियों द्वारा सुविधा शुल्क मांगने की बात से इंकार कर दिया। बताया कि उनसे अस्पताल में किसी तरह के पैसे की मांग नहीं की गई।


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