सिफारिशी पत्रों से मुश्किल में मेला प्रशासन
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मेला प्रशासन प्रदेश सरकार के मंत्रियों के सिफारिशी पत्र को लेकर परेशान ह
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मेला प्रशासन प्रदेश सरकार के मंत्रियों के सिफारिशी पत्र को लेकर परेशान है। हर बार की तरह इस बार भी कुछ धार्मिक संस्थाओं के लिए माघ मेला में भूमि और सुविधा बढ़ाने के लिए मंत्रियों के सिफारिशी पत्र आने शुरू हो गए हैं। प्रदेश के आधा दर्जन मंत्रियों ने माघ मेला में सात धार्मिक संस्थाओं को अधिक सुविधा और भूमि दिए जाने की सिफारिश मेला प्रशासन से की है। मंत्रियों के इस फरमान से प्रशासनिक अधिकारी परेशान हैं।
माघ मेला में दो हजार से अधिक धार्मिक संस्थाएं अपना शिविर लगाती हैं। इन संस्थाओं को प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में निश्शुल्क भूमि और सुविधाएं मिलती हैं। हर साल संस्थाएं भूमि और सुविधाएं बढ़ाने की मांग प्रशासन से करती हैं। इस बार भी दो दर्जन से अधिक संस्थाओं ने सुविधा और भूमि बढ़ाने की मांग की है। इनमें से कई संस्थाओं ने सुविधा में विस्तार के लिए प्रदेश के आधा दर्जन मंत्रियों का दामन थामा है। मंत्रियों ने प्रशासन से सात संस्थाओं को सुविधा के साथ भूमि को बढ़ाने की सिफारिश की है।
प्राविधिक शिक्षा मंत्री शिवकांत ओझा ने प्रेम नारायण जन कल्याण समिति और गंगा जमुना सेवा समिति, राज्य मंत्री मूलचंद चौहान ने अशासकीय माध्यमिक शिक्षा वेलफेयर, राज्य मंत्री रामानंद भारती ने श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट, राज्य मंत्री रामपाल सजवंशी ने मानस मंजरी सेवा संस्थान, विज्ञान एवं प्राविधिक विभाग मंत्री मनोज कुमार पांडेय ने स्वामी लालेश्वर आश्रम और संत सेवा आश्रम की सिफारिश की है। मंत्रियों ने प्रशासन को पत्र लिखकर इन संस्थाओं की सुविधा और भूमि बढ़ाने बात कही है। मंत्रियों की सिफारिश से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कई और सांसदों, पूर्व सांसदों और मंत्रियों के सिफारिशी पत्र आने बाकी हैं। वह कैसे इन संस्थाओं की सुविधा बढ़ा दें। यदि इन संस्थाओं की सुविधा में इजाफा हुआ तो अन्य संस्थाएं भी दबाव बनाने लगेंगी।