डिबार कॉलेज को बनाया परीक्षा केंद्र
जासं, इलाहाबाद : तमाम कोशिशों के बाद भी दागी स्कूल बोर्ड परीक्षा का केंद्र बन रहे हैं। इसमें शुरुआती
जासं, इलाहाबाद : तमाम कोशिशों के बाद भी दागी स्कूल बोर्ड परीक्षा का केंद्र बन रहे हैं। इसमें शुरुआती स्तर पर ही गड़बड़ी हो रही है यानी जिला स्तर पर ही ऐसे कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है, जो पहले से डिबार रहे हैं। इससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। वैसे जिला स्तर की गड़बड़ी को फिलहाल मंडल स्तर की कमेटी ने सुधारने का प्रयास किया है, लेकिन गेंद शासन के पाले में है।
पड़ोसी प्रतापगढ़ जनपद के गौरीशंकर पांडेय इंटरमीडिएट कॉलेज कंधई मधुपुर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में नकल कराने के लिए खासा कुख्यात है। 2010 की परीक्षा में तो इस कॉलेज की 32 उत्तर पुस्तिकाएं प्रधानाचार्य लिखवाते हुए पकड़े गए थे। इसकी थाने में एफआइआर दर्ज है और सीजेएम प्रतापगढ़ के यहां सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चल रहा है। इस घटना के बाद से कॉलेज पांच साल के लिए डिबार किया गया था। इतना ही नहीं यह कॉलेज विवादित भूमि पर बना है उसका भी वाद न्यायालय में चल रहा है। इससे कॉलेज की मान्यता नियमित रहने पर भी खतरा है।
इतने के बाद भी कॉलेज को 2015 के लिए यूपी बोर्ड का परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिलाधिकारी ने इसे केंद्र बनाने के लिए अनुमोदन भी किया। शायद इसीलिए इसे परीक्षा केंद्रों की सूची में 1196वां नंबर मिला है। यह जानकारी होने पर प्रतापगढ़ के गंगा प्रसाद मुराहर ने डीआइओएस प्रतापगढ़ को पत्र लिखा, लेकिन उसकी अनसुनी हुई। ऐसे ही आदित्य कुमार पांडेय ने मंडलायुक्त के यहां लिखित शिकायत की है। इसके अलावा सुनील कुमार ने भी शिकायत की है। जिला इकाई ने इसका संज्ञान तक नहीं लिया, लेकिन मंडलीय कमेटी ने इस संबंध में कालेज को परीक्षा केंद्र बनाने का अनुमोदन नहीं किया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक चतुर्थ मंडल इलाहाबाद राजकुमारी वर्मा ने बताया कि प्रतापगढ़ के गौरीशंकर पांडेय कालेज को केंद्र बनाने का अनुमोदन मंडलीय कमेटी ने नहीं है। इससे माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव एवं शासन को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है, अब शासन को ही इस संबंध में निर्णय करना है।