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याद किए गए जस्टिस कृष्णा अय्यर

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सामाजिक न्याय के पैरोकार और पद्म विभूषण से अलंकृत विश्वविख्यात न्यायविद जस्

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 04:06 AM (IST)
याद किए गए जस्टिस कृष्णा अय्यर

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सामाजिक न्याय के पैरोकार और पद्म विभूषण से अलंकृत विश्वविख्यात न्यायविद जस्टिस कृष्णा को गुरुवार को यहां विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने याद किया। इस अवसर पर आयोजित एक संगोष्ठी में न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने कहा कि जस्टिस अय्यर ने दांडिक न्याय शास्त्र में आमूलचूल परिवर्तन कर नए मानक स्थापित किए। नि:शुल्क विधिक सहायता की अवधारणा उनकी व्यापक सोच की परिचायक थी।

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प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति मौर्य ने कहा कि बतौर विधि मंत्री जस्टिस अय्यर ने न्याय व्यवस्था को सुगम, सुलभ और त्वरित बनाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए। उन्होंने जमानत को अधिकार के रूप में पारिभाषित किया तथा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मृत्युदंड की सजा का विरोध किया। उनका मानना था कि विरल से विरलतम मामले में ही मृत्युदंड होना चाहिए। वे दंड के नहीं सुधारात्मक दृष्टिकोण के हिमायती थे।

संगोष्ठी में बतौर विशिष्टि अतिथि प्रो. गुरु ज्ञान सिंह ने कहा कि जस्टिस अय्यर का कहना था कि कानून का निर्वहन शब्दों में न करके उसकी आत्मा में और संविधान की मूल भावना में करना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए चौधरी नियाज अहमद खान ने कहा कि जस्टिस अय्यर जनवादी अधिकारों के संरक्षक थे।

संगोष्ठी में आरबी त्रिवेदी, डा. सुधांशु कुमार मालवीय, प्रो. हरिवंश सिंह, महिला कुशवाहा जमील अहमद काजमी प्रमोद कुमार गुप्ता ने विचार रखे। संचालन राजवेंद्र सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन विद्यासागर ने किया।


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