हक को लामबंद हुए वित्तविहीन शिक्षक
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वादे के अनुरूप मानदेय न मिलने, प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ वित्तविहीन शिक
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वादे के अनुरूप मानदेय न मिलने, प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ वित्तविहीन शिक्षक हक की लड़ाई लड़ेंगे। इसकी शुरुआत विधानसभा भवन का घेराव करके होगी। साथ ही प्रदेशव्यापी मुहिम शुरू करते हुए हर जिले में जनजागरण एवं धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदेशभर में दस हजार से अधिक वित्तविहीन विद्यालय हैं जिनमें लगभग 562035 शिक्षक कार्यरत हैं। ये शिक्षक प्रबंधन की कृपा पर आश्रित हैं जिन्हें मानदेय के नाम पर 1800 से लेकर सात हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। वित्तविहीन विद्यालयों को यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनाया जाता है। इसमें कार्यरत शिक्षक केंद्र व्यवस्थापक बनने के साथ उत्तर पुस्तिकाओं को संकलन केंद्र तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। बावजूद इसके उन्हें पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा नहीं मिला। वित्तविहीन शिक्षक लंबे समय से स्वयं को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिलाकर तय मानदेय की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष उदयराज यादव व मीडिया प्रभारी वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना हा कि सपा ने विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में वित्तविहीन शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को तय मानदेय देने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार की इस अनदेखी पर 22 दिसंबर को विधानसभा भवन का घेराव करके आवाज बुलंद होगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के मंत्री डॉ. वातात्मज मिश्र ने वित्तविहीन शिक्षकों की मांग का समर्थन करते हुए उनका साथ देने का एलान किया।