सरकार की नीति शिक्षा और शिक्षक विरोधी : ओमप्रकाश
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : राज्य सरकार शिक्षकों के साथ ही शिक्षा पद्धति को भी समाप्त करने का कुचक्र
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : राज्य सरकार शिक्षकों के साथ ही शिक्षा पद्धति को भी समाप्त करने का कुचक्र रच रही है। जनशक्ति, सत्र परिवर्तन उसी दिशा में उठाए गए कदम हौं। बिना झुके हम डटकर इसका मुकाबला करेंगे, संघर्ष की मशाल बुझने नहीं देंगे। यह ललकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ 'शर्मा गुट' के अध्यक्ष व विधान परिषद में नेता सदन ओमप्रकाश शर्मा की थी। शिक्षा निदेशालय पर गुरुवार को हुए प्रदर्शन में उमड़े शिक्षकों को देख गदगद ओमप्रकाश ने सरकार को मनमाना फैसला न लेने की हिदायत दी।
कहा कि एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन, शोषित वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय का निर्धारण करवाने के लिए सरकार से कई स्तर पर वार्ता हुई, परंतु हर बार वादाखिलाफी हुई। माध्यमिक शिक्षा के समय एवं सत्र परिवर्तन जैसी नीतियां पब्लिक स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए हैं, जिसका पुरजोर विरोध होगा। संयोजक इलाहाबाद-झांसी खंड के शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने निदेशालय पर बाबूतंत्र के हावी होने का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारियों के आदेश के बावजूद अनेक प्रकरण लंबित हैं, जिसके खिलाफ दो-दो हाथ किया जाएगा। विधायक हेमसिंह पुंडीर, जगवीर किशोर जैन व ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने शिक्षकों को चिकित्सा, आवास, यातायात सुविधा की मांग उठाई। पूर्व विधायक सुभाष चंद्र शर्मा, डॉ. प्रमोद मिश्र, हेमराज सिंह गौर, डॉ. आरपी मिश्र, सुरेश तिवारी ने सरकार की नीतियों पर करार प्रहार किया।