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जिंदा दफन हो गया तीन साल का मासूम

नैनी, इलाहाबाद : बच्चों की दीर्घायु और सुहाग की मंगलकामना के लिए चल रहे छठ पर्व के दिन ही एक महिला प

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 10:18 PM (IST)
जिंदा दफन हो गया तीन साल का मासूम

नैनी, इलाहाबाद : बच्चों की दीर्घायु और सुहाग की मंगलकामना के लिए चल रहे छठ पर्व के दिन ही एक महिला पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गुरुवार को नैनी कोतवाली इलाके की जेल रोड पर रेलवे का टावर लगाने के लिए खोदे गए गड्डे में एक मजदूर के बच्चा जिंदा दफन हो गया। मिट्टी का ठीहा धसकने से उसकी मौत हो गई। बेटे को बचाने में मजदूर भी जख्मी हो गया। हादसे से घबराए ठेकेदार और उसके साथियों ने आनन-फानन में बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके घायल पिता का नजदीक के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है।

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मध्य प्रदेश के रीवां जिले में रहने वाला महेंद्र बीते एक माह से नैनी में लंकापुरी कॉलोनी के लगाए जा रहे रेलवे के टावर का काम रहा था। वह अपनी पत्‍‌नी, मां और बच्चों के साथ कार्यस्थल पर ही पन्नी का तंबू लगाकर रहता है। गुरुवार को तकरीबन दो बजे महेंद्र टावर के लिए खोदे गए 15 फूट नीचे गड्डे में काम कर रहा था जबकि उसका तीन साल का बच्चा कुलदीप गड्डे के समीप ही मिट्टी में खेल रहा था। अचानक कुलदीप के नीचे की मिट्टी गड्डे में धंस गई, जिसके साथ बच्चा भी गड्डे में ही समा गया। मिट्टी धंसने पर अंदर काम कर रहे बाकी मजदूर किसी तरह अपनी जान बचाते हुए बाहर आ गए, जबकि बच्चे को बचाने में महेंद्र भी अंदर फंसकर घायल हो गया। आनन-फानन में बाकी मजदूरों ने महेंद्र को बाहर निकाल बच्चे को तलाशने का काम शुरू कर, लेकिन जबतक उनकी तलाश पूरी हुई तबतक कुलदीप की सांसे थम चुकी थी।

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तीन घंटे बाद पहुंची पुलिस

क्षेत्र में पुलिस कितनी सतर्क है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को मिट्टी के धंसने से तीन साल के बच्चे की मौत की घटना की भनक पुलिस को तीन घंटे तक नहीं लगी। जब इस बारे में उपजिलाधिकारी राजकुमार द्विवेदी को दी तो उन्होंने मौके पर चौकी प्रभारी को भेजा। घटनास्थल पर पहुंचने के बावजूद भी पुलिस घटना के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं जुटा पाई।

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सालभर में दूसरी मौत

महेंद्र का पूरा परिवार मजदूरी कर अपनी जीविका चलाता है। परिवार पर गरीबी की मार कुछ इस कदर है कि अब जान उन्हें सस्ती लगने लगी है। महेंद्र के परिवार को मौत का यह दूसरा डंक लगा है। कुछ महीनों पहले ही उसके परिवार की एक महिला सदस्य की सिविल लाइंस में एक बिल्डिंग निर्माण के दौरान हादसे में मौत हो गई थी।


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