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चौकी में दरोगा पर हमला

मेजा, इलाहाबाद : वर्दी का इकबाल बुधवार रात एक बार फिर तार-तार हो गया। मेजा के कोहड़ौर इलाके में चौक

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 01:48 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 01:48 AM (IST)
चौकी में दरोगा पर हमला

मेजा, इलाहाबाद : वर्दी का इकबाल बुधवार रात एक बार फिर तार-तार हो गया। मेजा के कोहड़ौर इलाके में चौकी प्रभारी अमित मिश्र पर चौकी में घुसकर बोलेरो और स्कार्पियो सवार असलहाधारी युवकों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने असलहों के बट से उनकी जमकर पिटाई की। वह लहूलुहान होकर गिर पड़े तो बदमाश उनकी सर्विस रिवाल्वर छीन ले गए और मोबाइल फोन तोड़ दिया। हमराहियों ने अफसरों को जानकारी दी तो जिले की नाकाबंदी कर हमलावरों की तलाश शुरू हुई। घायल अमित को उपचार के लिए स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल भेजा गया है। आईजी दलजीत सिंह चौधरी व एसएसपी दीपक कई थानों की फोर्स के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए। देर रात करछना के भीरपुर इलाके में हमलावरों को घेराबंदी कर दबोच लिया गया है। पकड़े गए युवक सत्ता पक्ष से जुड़े बताए जा रहे हैं।

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उपनिरीक्षक अमित मिश्र को मंगलवार को ही कोंहडौर चौकी का प्रभार दिया गया था। यहां पर जिला पंचायत का एक बैरियर है। उस बैरियर से गुजरने वाले वाहनों से पर्ची देकर 50 रुपये का टोल टैक्स वसूला जाता है। कहा जा रहा है कि बैरियर पर सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ दबंगों ने अपना कब्जा जमा लिया है और वह 10 चक्का वाहनों से 340 व 12 चक्का वाहनों से 390 रुपये वसूलते हैं। कुछ चालकों ने अमित से इस बात की शिकायत की तो बुधवार सुबह अमित ने अवैध वसूली करने वालों को ऐसी हरकत से बाज आने की ताकीद की। उनकी हिदायत के बावजूद शाम को फिर वसूली शुरू हुई तो अमित बैरियर पर रहने वाले दबंग किस्म के सत्ता पक्ष से जुड़े एक युवक को पकड़कर चौकी ले आए। वहां से निकलने पर उस युवक ने उन्हें देख लेने की धमकी दी। रात लगभग 11 बजे बोलेरो और स्कार्पियो में सवार आधा दर्जन युवक पुलिस चौकी पहुंचे और अमित पर हमला बोल दिया। जब तक हमराही सिपाही थाने से मदद लेते हमलावर अमित को लहूलुहान कर भाग निकले। देर रात तक पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतराते रहे।

एसओ मेजा पर भी हुआ था हमला

मेजा इलाके में खाकी पर हमले की बात कोई नई नहीं। सपा की प्रदेश में सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद इसी बैरियर पर वसूली को लेकर मेजा के तत्कालीन थानाध्यक्ष रामचंद्र सिंह पर थाने में घुसकर हमला किया गया था। इस मामले में आधा दर्जन लोग नामजद किए गए थे और सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी मगर कुछ दिनों बाद मामला ठंडा बस्ते में चला गया।


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