सबसे पहले मंगेतर को ही मिली 'मनहूस' खबर
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सिविल लाइंस के ताशकंद मार्ग पर रहने वाले फ्रांसिस मैनेजर व ग्लाइडियन मैन
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सिविल लाइंस के ताशकंद मार्ग पर रहने वाले फ्रांसिस मैनेजर व ग्लाइडियन मैनेजर के मझले पुत्र एलन की पड़ोस में रहने वाली युवती से शादी तय हो चुकी थी। हादसे के बाद पुलिस ने उनके दोस्त अंकुर की शिनाख्त उसके पहचान पत्र से की और परिजनों को सूचना दी, जबकि एलन के पास से पुलिस को डायरी मिली, जिसमें उनकी मंगेतर का मोबाइल नंबर था। सबसे पहले हादसे की मनहूस खबर उसे ही दी गई। एलन की मौत का पता चलते ही उनकी मंगतेर के सपनों का महल एक झटके में चूर-चूर हो गया।
बॉस्केट बॉल के अच्छे खिलाड़ी थे। वह पहले ब्वायज हाईस्कूल में खेल शिक्षक के रूप में भी कार्यरत थे। हालांकि अप्रैल 2014 में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी थी। एलन के बड़े भाई मारविन मैनेजर कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अब वेब डिजाइनिंग का काम करते हैं, जबकि छोटा भाई गार्डेन अभी बीएससी कर रहा है। उन दोनों ने पोस्टमार्टम हाउस में जब एलन को शव देखा तो वह फूट-फूटकर रोने लगे। पिता फ्रांसिस मैनेजर तो बदहवास हो चुके थे। सहकर्मियों और पड़ोसियों की समझ में नहीं आ रहा था कि वह उन्हें कैसे ढांढस बंधाएं।
'भाई क्यों अकेला छोड़ गए'
हादसे का शिकार हुए अंकुर के छोटे भाई अंकित भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। उनको जब बड़े भाई की मौत का पता चला तो वह बदहवास हो गए। आनन-फानन में वह लखनऊ से यहां आए और अंकुर के शव से लिपट कर रो पड़े। वह बार-बार यही कह थे - 'भाई क्यों अकेला छोड़ गए।' पिता डॉक्टर सुरेश सिंह की आंखें पथरा चुकी थीं। वह कभी शून्य में निहारते तो कभी दोनों हाथों से सिर पकड़ लेते। उनकी यह हालत देखकर परिचितों और रिश्तेदारों की आंखें भी नम हो गई थी।
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एक पल में टूटा बरसों पुराना याराना
ताशकंद मार्ग पर रहने वाले एलन की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा कचहरी रोड पर स्थित मेरी लूकस स्कूल में हुई थी। एलन के ज्यादातर दोस्त वहीं पर बने थे। बचपन के दोस्तों को जब एलन की मौत का पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन सरक गई। वह भागते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। एक पल में बरसों पुराना याराना टूट चुका था। दोस्त उनका साथ छोड़कर जा चुका था। एलन के बचपन के दोस्त वेन डिसूजा, विजय शंकर, अजीत द्विवेदी की आंखों में बचपन की यादें तैयार रहीं थी। वह यह मानने को तैयार नहीं थे कि एलन का हंसता हुआ चेहरा अब सिर्फ उनकी स्मृतियों में ही शेष रहेगा।
आखिर वह तीसरा कौन था
एलन ने घर से निकलते वक्त अपने बड़े भाई मारविन को बताया था कि वह अंकुर के पिता को लेने जा रहा है। उसके साथ अंकुर के अलावा एक और दोस्त भी जा रहा है। हालांकि पुलिस को नदी से सिर्फ अंकुर और एलन के ही शव मिले। पुलिस का कहना है कि कार में सिर्फ यही दोनों थे। तीसरे शख्स के बारे में कुछ पता नहीं। संभव है कि तीसरा शख्स रास्ते में ही कहीं उतर गया हो। अगर ऐसा नहीं तो फिर वह कौन था, यह पुलिस के लिए जांच का विषय है।
किसकी थी पार्टी, पता नहीं
एलन ने अपने घरवालों से रात में बाहर जाने की कुछ और वजह बताई थी, जबकि बाद में पता चला कि वह रायबरेली से वापस लौट रहे थे। एलन के भाई मारविन के मुताबिक वह शायद किसी दोस्त की पार्टी से लौट रहे थे, पर किस की पार्टी थी यह पता नहीं। वह रायबरेली से आ रहे थे या कहीं और से यह भी साफ नहीं।
पोस्टमार्टम हाउस पर भारी भीड़
मेडिकल छात्र अंकुर और स्पोर्टस मैन एलन की मौत की खबर फैलते ही पोस्टमार्टम हाउस पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अंकुर के डॉक्टर पिता कभी इलाहाबाद में भी तैनात थे। लिहाजा वहां बड़ी संख्या में डॉक्टर भी मौजूद थे। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह को मेडिकल छात्र की मौत का पता चला तो वह भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और अंकुर के पिता को ढांढस बंधाया।
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सिर में थे घाव, सीने की हड्डियां भी टूटीं
फाफामऊ पुल पर एलपीजी भरे ट्रक से टकराने के बाद रेलिंग तोड़कर गंगा में गिरी एलन और अंकुर की कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। गहरे पानी में वह नीचे रेत में जाकर धंसी थी। तीन घंटे की कवायद के बाद कार को तलाशा जा सका। कार में फंसे अंकुर व एलन को बाहर निकाला गया तो उनकी सांसें थम चुकी थीं। दोनों के शव के पोस्टमार्टम से पता चला कि हादसे में उनके सिर में गहरी चोट लगी थी और सीने की हड्डियां भी टूटी थीं। अत्यधिक रक्त स्राव से उनकी डूबने से पहले ही मौत हो गई।
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..तो शायद बच जाती जान
पुलिस ने काफी प्रयास के बाद जब उस जगह को चिह्नित किया जहां कार फंसी थी तो बीच धारा से कार को निकालना भी टेढी खीर थी। कार को निकालने के लिए क्रेन मंगाई गई और पुल से रस्से के सहारे कार को खींचने की कोशिश शुरू की गई। कार जैसे ही कुछ ऊपर आई। कार में फंसे अंकुर और एलन नीचे गिर पड़े। बड़ी मुश्किल से उनको बाहर निकाला जा सका। शायद उनकी कार को और पहले नदी से बाहर निकाला जा सकता तो दोनों की जान बच जाती। इससे आपदा से निपटने में पुलिस के प्रबंधन की भी पोल खुल गई।