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..'डिस्कनेक्टिंग इंडिया' कहें जनाब

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद: 'अरे यार मैं तो बेहद परेशान हो गया हूं। एयर टिकट लेने के लिए कंपनी वालों

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 01:00 AM (IST)
..'डिस्कनेक्टिंग इंडिया' कहें जनाब

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद: 'अरे यार मैं तो बेहद परेशान हो गया हूं। एयर टिकट लेने के लिए कंपनी वालों से बात कर रहा हूं, लेकिन फोन बार-बार कट जा रहा है।' 'पंडित जी से पूजा करने की विधि जानने की कोशिश में हूं, लेकिन लगातार प्रयास के बाद भी बात नहीं हो पा रही है।' ये उद्गार नीरज भार्गव और मालती पांडेय के हैं, जो बीएसएनएल के उपभोक्ता हैं। ऐसे ही सैकड़ों उपभोक्ता हैं जो इस तरह की समस्या से रोजाना दो-चार हो रहे हैं। और एक बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) का नेटवर्क है कि सुधरने से रहा। उपभोक्ताओं की बात कराना अब विभाग के वश की बात नहीं रह गई है। बात करते-करते बीच में फोन कट जाना स्थायी समस्या बन चुकी है। एक बार काल करने के लिए दो से तीन बार मिलाना पड़ रहा है। फिर भी बात नहीं हो पा रही है और उपभोक्ताओं की जेब कट रही है। प्री पेड व पोस्ट पेड उपभोक्ताओं का बात किए बगैर बैलेंस कट जा रहा है। बीएसएनएल की खस्ताहाल व्यवस्था से प्रशासन को भी दो-चार होना पड़ रहा है। नेटवर्क में सुधार के लिए उपभोक्ता लगातार शिकायतें करते हैं, लेकिन बीएसएनएल है कि कुछ सुनता ही नहीं, कुछ करता ही नहीं। खराब नेटवर्क के चलते मोबाइल धारक परेशान हैं। नेटवर्क अमूमन दिन में नहीं रहता है। बिजली आने पर घटे दो घटे के लिए मोबाइल सजीव हो उठते हैं।

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बदहाल हो चुकी है व्यवस्था

यह स्थिति महानगर के सिविल लाइंस, चौक, कीडगंज, लूकरगंज, ममफोर्डगंज,तेलियरगंज समेत कई स्थानों पर है। इन जगहों पर लगे बीटीएस की बैट्रियां पुरानी हो गई हैं। जनरेटर भी नहीं के बराबर चलाए जाते हैं। उपभोक्ता मोबाइल मिलाता किसी को है, मिलता किसी को है। बातचीत के दौरान आवाज भी गुम हो जाती है। आयुष, नित्यानंद, मो. इदरीश, राजेश सिंह, एकता, शिवकुमार , प्रेम भट्ट आदि उपभोक्ताओं का कहना है कि कई-कई बार मिलाने पर किसी तरह बात हो पाती है। बमुश्किल दस से 15 सेकेंड कनेक्टिविटी रहती है इसके बाद नेटवर्क गायब हो जाता है।

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पुरानी बैट्रियां भी जिम्मेदार

नेटवर्क में आ रही खामियों का एक प्रमुख कारण बीटीएस सेंटरों पर पुरानी बैट्रियां हैं। आमतौर पर नई बैट्री की लाइफ पाच साल होती है, लेकिन महानगर में ही आधे से अधिक बीटीएस पर पुरानी बैट्री से काम चलाया जा रहा है। नई बैट्री के पूरी तरह चार्ज होने पर छह से आठ घटे तक का बैकअप रहता है, लेकिन पुरानी बैट्री में एक घटे का भी बैकअप बमुश्किल मिलता है। ऐसे में बिजली कटते ही नेटवर्क की समस्या शुरू हो जाती है।

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'उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारा नैतिक दायित्व है। उनकी समस्याओं का निराकरण हर हाल में किया जाएगा। हमारे स्टॉक में नई बैट्रियां आ गई हैं और उन्हें लगाया भी जा रहा है। किसी भी कीमत पर हम अपने प्रतिद्वंद्वियों से बीस ही रहना चाहते हैं। '

-रंजन पांडेय, एजीएम, बीएसएनएल


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