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चौक में बना ध्वनि प्रदूषण का रेकार्ड

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : दीपावली के दिन इलाहाबाद शहर का दिल कहे जाने वाले चौक इलाके में इस बार सब

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 01:07 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 01:07 AM (IST)
चौक में बना ध्वनि प्रदूषण का रेकार्ड

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : दीपावली के दिन इलाहाबाद शहर का दिल कहे जाने वाले चौक इलाके में इस बार सबसे ज्यादा पटाखे फोड़े गए हैं। हार्ट ऑफ सिटी में ध्वनि प्रदूषण का आंकड़ा 84 डेसीबल दर्ज हुआ तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक भी चकित रह गए। इतना ही नहीं बीते साल की तुलना में इस साल कटरा और सिविल लाइंस में भी ध्वनि प्रदूषण ने रिकार्ड बनाया। वहीं सामान्य क्षेत्र कहे जाने वाले झूंसी व अलोपीबाग में भी प्रदूषण बढ़ रहा है।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसबी सैंक्लिन अपनी टीम के साथ दीपावली के दिन शाम छह बजे से लेकर रात 12 बजे तक ध्वनि और वायु प्रदूषण की जांच की। शुक्रवार को जब रिपोर्ट तैयार हुई तो पता चला कि तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में सामान्य से 10 से 20 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया। हालांकि बीते साल कुछ स्थानों पर जहां सर्वाधिक प्रदूषण हुआ था, वहां कमी तो आई लेकिन दूसरे इलाकों में पटाखों और आतिशबाजी का जबरदस्त प्रभाव दिखा। इस साल बोर्ड के वैज्ञानिकों ने कटरा, हाईकोर्ट, सिविल लाइंस, चौक, मम्फोर्डगंज, रामबाग, अलोपीबाग और झूंसी में ध्वनि व वायु प्रदूषण का हाल जाना। हालांकि वायु प्रदूषण की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तरह ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हुई है, उसी तरह वायु प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

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ध्वनि प्रदूषण का हाल (डेसीबल में) वर्ष 2014

मिश्रित क्षेत्र चौक 84 सामान्य 55

व्यावसायिक क्षेत्र कटरा 82.00 सामान्य 60

आवासीय क्षेत्र अशोक नगर 70 सामान्य 50

शांत क्षेत्र हाईकोर्ट चौराहा 57 सामान्य 40

मिश्रित क्षेत्र सिविल लाइंस 80 सामान्य 55

आवासीय क्षेत्र मम्फोर्डगंज 60 सामान्य 50

मिश्रित क्षेत्र रामबाग 66 सामान्य 50

आवासीय क्षेत्र अलोपीबाग 70 सामान्य 50

आवासीय क्षेत्र झूंसी 68 सामान्य 50

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वर्ष 2013

व्यावसायिक क्षेत्र कटरा 68.35 आवासीय क्षेत्र अशोक नगर 61.78 हाईकोर्ट चौराहा 83.52

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जागरूकता के साथ बढ़े पटाखों के शौकीन

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण मुक्त दीपावली के लिए तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकारी महकमे की ओर से लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया गया। जिस अनुपात में लोगों में जागरूकता आई उसी अनुपात में ऐसे नए युवा भी उभर आए जिन्होंने पटाखों और आतिशबाजी में दिलचस्पी दिखाई। यही कारण रहा कि बीते साल की तुलना में तमाम स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

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दीपावली के दिन ध्वनि और वायु प्रदूषण की जांच की गई है। ज्यादातर आवासीय, मिश्रित और व्यावसायिक क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण 10 से 20 डेसीबल तक बढ़ा है। ऐसे में लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने और प्रदूषण न बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

-एसबी सैंक्लिन, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।


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