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ताश के पत्तों पर किस्मत की आजमाइश

केस एक : सिविल लाइंस के एक 'बार' में काउंटर पर खड़े कुछ युवक मोबाइल फोन पर 'तीन पत्ती' नाम का एप्लीके

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 10:14 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 10:14 PM (IST)
ताश के पत्तों पर किस्मत की आजमाइश

केस एक : सिविल लाइंस के एक 'बार' में काउंटर पर खड़े कुछ युवक मोबाइल फोन पर 'तीन पत्ती' नाम का एप्लीकेशन खोलकर बैठे थे। उनके बीच बेहद खामोशी से ऑनलाइन खेल चल रहा था। कुछ मिनटों बाद एक युवक का चेहरा चमक उठता है। वह चीख कर कहता है 'गिव मी माई रियल मनी'। दरअसल 'तीन पत्ती' के इस खेल में जीतने वाला साथियों से वर्चुअल मनी (अभासी पैसे) हासिल करता है। खेल के खत्म होने पर वह असली पैसों की मांग करता है। बाकी के दोनों युवक जेब से हजार-हजार की दस नोट निकालकर देते हैं। थोड़ी देर बाद ऑनलाइन जुआ फिर शुरू हो जाता है।

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केस दो : जार्जटाउन के अल्लापुर मोहल्ले का नेता चौराहा। पान की एक गुमटी के बगल में छह युवक घेरा बनाकर बैठे हैं। उनमें से एक ताश की गड्डी फेट रहा है। अगल-बगल दो और युवक खड़े हैं। ताश की पत्ती फेंटने वाला युवक नौ नंबर पर पैसे लगाने को कहता है। देखते ही देखते फड़ पर 100 से 500 तक की नोट गिरने लगती है। वह ताश की पत्तियों को सामने बैठे युवकों के सामने रखना शुरू करता है जिसके पास पहले नौ नंबर की पत्ती आती है, वह सारे पैसे समेट लेता है।

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केस तीन : शाहगंज इलाके में लीडर रोड पर स्थित एक होटल के कमरे में पहुंचे दो युवक दरवाजा खटखटाते हैं। अंदर से आवाज आती है - 'कौन'। जवाब में वह कहते हैं-'ओम शांति'। दरवाजा खुल जाता है और दोनों अंदर जाते हैं। वहां पहले से ही दस युवक डबल बेड पर जमा हैं। उनके बीच ताश की पत्तियां बिछी हुई हैं। बारी से पैसों का अदान-प्रदान हो रहा है।

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-जुआ-

-दीपावली पर गली-गली में बिछी फड़

-हर दिन हो रहा करोड़ों का वारा न्यारा

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जुए में युधिष्ठिर द्वारा पत्‍‌नी द्रौपदी को हार जाने के दृष्टांत के बावजूद दिवाली पर जुआ खेलने की कुप्रथा आज भी जारी है। ताश के पत्तों पर जमकर किस्मत की आजमाइश हो रही है। गली-गली में फड़ सजी है। सिर्फ शहरी इलाके में ही रोज 10-20 करोड़ का वारा-न्यारा हो रहा है। जुआ रोकने का दावा करने वाली पुलिस जुआरियों की धर-पकड़ के बहाने खुदकी जेब भरने में जुटी है।

बदलते दौर में जुए के तौर-तरीके भी बदल गए हैं। चौसर से शुरू हुआ यह खेल अब ऑनलाइन भी हो चुका है। जुआरी मोबाइल फोन और लैपटॉप पर दांव लगा रहे हैं। क्रिकेट व फुटबाल के खेल पर पैसे बरस रहे हैं तो चलती गाड़ियों में फड़ सज रही है। इतना ही नहीं शहर के कई लग्जरी होटल भी चंद पैसों में जुआरियों को मौज-मस्ती के सारे साजो-सामान उपलब्ध करा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जुआरियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जो भी जुआ खेलता पाया जा रहा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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थानाध्यक्षों को हिदायत दी गई है कि वे जुआरियों पर कड़ी नजर रखें। जहां जुआ खेलने की शिकायत पाई जाएगी संबंधित थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जुआरियों की पकड़ को क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है।

-दीपक कुमार, एसएसपी।


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