सौर ऊर्जा से रोशन होगा 'उमरे' मुख्यालय
निवेदन शिवपुरी, इलाहाबाद : रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। इसलिए सौर ऊर्जा
निवेदन शिवपुरी, इलाहाबाद : रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। इसलिए सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग करने की योजना तैयार की है। इस क्रम में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय समेत रेलवे की 25 इमारतों को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाएगा। अगले वर्ष तक यह योजना पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर पारंपरिक ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग करने की बात कही है। उनके मूलमंत्र को रेलवे ने अमलीजामा पहनाने की सोची है। दरअसल रेलवे पारंपरिक ऊर्जा का सबसे अधिक उपयोग करता है। चाहे बिजली हो अथवा फिर डीजल। ऐसे में पारंपरिक ऊर्जा बचत के लिए जरूरी है कि वह गैर पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग करे। योजना के तहत रेल मंत्रालय और गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग मिलकर इस कार्य को पूरा करेंगे। यह योजना पूर्णत: पीपीपी (प्राइवेट-पब्लिक-पार्टनरशिप) के अन्तर्गत होगी। इससे सौर ऊर्जा से जुड़ी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को कम से कम 4000 करोड़ का बाजार भी मिल जाएगा। वैसे अभी तक रेलवे तकरीबन 12,500 करोड़ रुपये ऊर्जा पर सालाना खर्च करती है। इस योजना के तहत रेलवे अपनी खाली जमीन बिना किसी शुल्क के प्राइवेट कंपनियों को देगा जिस पर वह सौर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे। प्राइवेट कंपनी इस प्लांट की स्थापना औरविकास पर धन लगाएगी। इस प्लांट के शुरू होने के बाद उत्पन्न होने वाली ऊर्जा रेलवे अपने उपयोग में लाएगी। इसके लिए वह संबंधित कंपनी से 25 वर्ष का अनुबंध करेगी। सूत्रों के मुताबिक यह ऊर्जा रेलवे को बाजार से खरीदी जाने वाली ऊर्जा से काफी सस्ती पड़ेगी। वह भी बिना किसी अन्य खर्चे के। इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को मुख्य ग्रिड व फीडर से जोड़ा जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे (उमरे) का इलाहाबाद स्थित मुख्यालय को भी योजना में शामिल किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में उमरे मुख्यालय समेत रेलवे की 25 इमारतों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की योजना है। जनसंपर्क विभाग रेलवे बोर्ड के उपनिदेशक मीडिया हरीश कुंवर बताते हैं कि रेलवे प्रधानमंत्री के सपने के अनुसार कार्य कर रहा है। रेल भवन तो इसी वित्तीय वर्ष में सौर ऊर्जा से रोशन होने लगेगा। अगले वर्ष तक सभी जोनल रेलवे मुख्यालय सौर ऊर्जा से रोशन किए जाएंगे। 200 स्टेशनों को भी सौर ऊर्जा युक्त बनाया जाना है।