धनतेरस पर खूब बरसा धन
जासं,इलाहाबाद: कौन सी और कैसी महंगाई? यदि शौक व परंपराओं का पालन करना है तो जेब ढ़ीली तो करनी ही पड़े
जासं,इलाहाबाद: कौन सी और कैसी महंगाई? यदि शौक व परंपराओं का पालन करना है तो जेब ढ़ीली तो करनी ही पड़ेगी भाई। प्रयाग के लोगों में कुछ यही भाव थे धनतेरस के अवसर पर खरीदारी करते समय। मंगलवार को खरीदारों ने अपनी खुशियों की खातिर धनतेरस में धन बहाने में कोई कमी नहीं की। सुबह से ही ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, खोवा, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां, लाई-लावे, चूड़ा, चंदिया, गट्टा, गुड़, बताशा, सूखे मेवे, झालर, आदि की खरीदारी के लिए दुकानों पर मारामारी मच गई, जोकि देर रात तक जारी रही। मंगलवार को करीब ढाई अरब रुपये का कारोबार हुआ।
धनतेरस पर चौक, सिविल लाइंस जानसेनगंज, ठठेरी बाजार, कटरा, कोठा पारचा, जीरो रोड, तेलियरगंज, अल्लापुर, मुट्ठीगंज, शाहगंज, लोकनाथ, गुड़ और बताशा मंडी, लक्ष्मण मार्केट समेत अन्य बाजारों में चार पहिया, दो पहिया वाहन, वाशिंग मशीन, फ्रिज, माइक्रोवेब ओवन, होम थिएटर, एलईडी, मोबाइल हैंडसेट, बर्तन, सोफा, डबल बेड, आलमारी, कपड़े, मिक्सर-जूसर समेत अन्य सामान खरीदने के लिए भीड़ लगी रही। इन बाजारों में तमाम दुकानों पर खरीदारों का इस कदर जमघट था कि लोग एक-दूसरे को धकिया रहे थे। इससे कहीं-कहीं खरीदारों के बीच नोकझोंक भी हुई।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष धनतेरस पर लगभग दो अरब रुपये का कारोबार हुआ था। इस हिसाब से इस बार बाजार की वृद्धि लगभग 18 फीसद ही रही।
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आटोमोबाइल का व्यवसाय 90 करोड़ के पार
धनतेरस पर आटोमोबाइल का कारोबार करीब 90 करोड़ रुपये से अधिक का रहा। इस अवसर पर सैकड़ों चार पहिया और दो पहिया वाहन बिके। चार पहिया वाहनों में आल्टो, स्विफ्ट, डिजायर, अल्टिका, स्पार्क, ट्रवेरा, स्कार्पियो, सेल, ब्रिज डीजल और बोलेरो की ज्यादा डिमांड थी, जबकि दो पहिया वाहनों में हीरो स्पलेंडर, एक्टिवा, यामाहा व बजाज की गाड़ियों की खासी मांग थी। युनाइटेड आटो मोबाइल के डायरेक्टर ऋषि गुलाटी बताते हैं कि बजाज के चारों शोरूम पर करीब 500 बाइकें बिकी। बाइकों की औसत कीमत लगभग 43 हजार रुपये है। वहीं, वेंकेश गुलाटी के मुताबिक करीब 125 बोलेरो और स्कार्पियों गाड़ियां बिकी। औसत बिक्री छह लाख रुपये के बीच रही। एलडी मोटर्स के जीएम श्याम गुप्ता के मुताबिक 35 चार पहिया वाहन, अमित दीप मोटर्स के जीएम देवेंद्र कुमार के मुताबिक लगभग सौ गाड़ियां, पूरन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर संजय कपूर के मुताबिक 25 बुकिंग में 16 गाड़ियां बिकी। जीएस ड्रीम होंडा के प्रोपराइटर जसमीत के अनुसार लगभग 90 दो पहिया गाड़ियां बिकी।
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55 करोड़ के बिके आभूषण
पिछले वर्ष धनतेरस पर करीब 55 करोड़ रुपये से ज्यादा के आभूषण बिके थे। इस बार ज्वेलरी का लगभग 55 करोड़ रुपये का कारोबार आभूषण व्यवसायी बता रहे हैं। यह हाल तब है, जबकि इसे अच्छा निवेश माना जा रहा है। चड्ढा ज्वेलर्स के रजत चड्ढा और सिसोदिया ज्वेलर्स के राजू सिंह के मुताबिक हल्के वजन के गहनों की खरीदारी महिलाओं ने अधिक की, जिसमें कान की बाली, अंगूठी और हार को प्राथमिकता दिया गया। बड़े लोगों ने हीरे खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई।
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इलेक्ट्रॉनिक सामान और फर्नीचर पर बरसे 50 करोड़
इलेक्ट्रानिक और फर्नीचर के सामानों पर करीब 50 करोड़ रुपये बरसे। दीपावली के बाद शहालग शुरू होने के मद्देनजर भी लोगों ने इन सामानों की ज्यादा खरीदारी की। आशा एंड कंपनी के प्रवीण मालवीय के मुताबिक एलईडी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेब को लोगों ने ज्यादा तरजीह दी। ओवेन, होम थियेटर, मोबाइल, मिक्सर-जूसर भी लोगों ने खूब खरीदा। वहीं, फर्नीचर के थोक व्यवसायी सुनील बत्रा बताते हैं कि सोफा, डबल बेड, टीबी ट्राली, डायनिंग टेबल, ड्रेसिंग टेबल की भी काफी बिक्री हुई।
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कपड़े पर खर्च किए लगभग 15 करोड़
दीपावली पर नए कपड़े पहनने की भी परंपरा है। इसलिए धनतेरस पर लोगों ने कपड़े भी खरीदे। युवाओं ने जींस के पैंट, टी-शर्ट एवं ब्रांडेड शर्ट खरीदे तो अधेड़ उम्र के लोगों ने कुर्ता-पाजामा खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। युवतियों ने जींस, सलवार-सूट और महिलाओं ने साड़ियां खरीदीं। इलाहाबाद व्यापार मंडल के मंत्री मुकुल गोयल के मुताबिक लगभग 15 करोड़ रुपये के कपड़े बिके हैं।
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करोड़ों के बिके बर्तन
धनतेरस पर करीब दस करोड़ रुपये के बर्तन लोगों ने खरीदे। इसके लिए ठठेरी बाजार में भारी भीड़ रही। बर्तन के थोक व्यवसायी रमेश गुप्ता ने बताया कि लोगों ने हर तरह के बर्तन खरीदे। स्टील व पीतल के बर्तनों की खरीदारी तो खूब हुई। बोन चाइना और फूल के बर्तन भी ग्राहकों ने बड़ी मात्रा में खरीदे।
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डेढ़ सौ से हजार रुपये तक बिकीं मूर्तियां
भगवान गणेश, लक्ष्मी और संकट मोचन हनुमान की मूर्तियां दो सौ से लेकर 1200 रुपये तक में बिकीं। मूर्तियों का भी कारोबार लाखों रुपये में हुआ। इन मूर्तियों के दामों में पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना तक वृद्धि हुई है।