समुद्र में बना सेतु, लंका पहुंची वानर सेना
जासं, इलाहाबाद : बार-बार निवेदन के बाद भी जब रावण सीता को नहीं छोड़ता है तो राम अपनी सेना के साथ लंका
जासं, इलाहाबाद : बार-बार निवेदन के बाद भी जब रावण सीता को नहीं छोड़ता है तो राम अपनी सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की तैयारी करते हैं। चारों दिशाओं में वानरों की सेना भेज दी जाती है। बड़ी मशक्कत के बाद समुद्र में सेतु का निर्माण किया जाता है। राम की सेना लंका में पहुंच जाती है तथा हनुमान मां सीता को आश्वस्त करते हैं कि वे अब सुरक्षित हैं। सीता जब हनुमान से राम के बारे में जानना चाहती हैं तो हनुमान की आंखों में आंसू आ जाते हैं। यह दृश्य इतना मार्मिक था कि अधिकांश दर्शकों की आंखें नम हो जाती हैं। पथरचट्टी रामलीला के सातवें दिन विभीषण का प्रभु राम की शरण में आना, वानरी सेना द्वारा परिलक्षित उत्साह और हनुमान का अशोक वाटिका में सीता से मिलने का मंचन अद्भुत रहा।
---------------------
लक्ष्मण द्वारा कुंभकर्ण का वध
इलाहाबाद : पजावा रामलीला कमेटी के तत्वावधान में लक्ष्मण द्वारा कुंभकर्ण वध का सजीव मंचन किया गया। कुंभकर्ण से बदला लेने के लिए लक्ष्मण ने जब उसे ललकारा तो उसने एक से बढ़कर एक शस्त्रों का प्रयोग किया। लक्ष्मण भी किसी तरह युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते थे। जब लक्ष्मण ने कुंभकर्ण का वध किया तो लोग प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाने लगे। आधुनिक तकनीक पर आधारित मंचन का लोगों ने भरपूर आनंद लिया।
-----------------
हनुमान ने किया लंका दहन
इलाहाबाद : बाघम्बरी क्षेत्र रामलीला कमेटी के तत्वावधान में चल रही रामलीला में बुधवार को लंका दहन व बालि वध का सजीव मंचन किया गया। लंका में सीता से मिलने पहुंचे हनुमान की पूंछ में जब रावण सेवकों ने आग लगा दी तो वे इधर-उधर अट्टालिकाओं पर दौड़ने लगे। आग की लपटों से सोने की लंका जल गई। इसके बाद बालि वध का मंचन किया गया। रामलीला मंचन में सुरेंद्र पाठक, कुंजबिहारी मिश्र, प्रेमचंद्र, शैलेंद्र शर्मा, यदुनाथ, रामाश्रय दूबे व बाबुलाल त्रिपाठी का अहम योगदान रहा।