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सपनों को लगे पंख, परिकल्पना होगी साकार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अहमदाबाद, मुंबई, बनारस के बाद स्मार्ट सिटी बनने की कतार में अब विशाखपतन

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 01:39 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 01:39 AM (IST)
सपनों को लगे पंख, परिकल्पना होगी साकार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अहमदाबाद, मुंबई, बनारस के बाद स्मार्ट सिटी बनने की कतार में अब विशाखपतनम, अजमेर और इलाहाबाद को भी शामिल कर लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान इलाहाबाद को भी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा से प्रयागवासियों की बांछें खिल गई। तीर्थराज प्रयाग अब जल्द ही स्मार्ट होने वाला है, इस खबर ने सहसा उन तमाम शहरियों के सपनों को पंख लगा दिए, जो दिन-रात प्रयाग को सुंदर व आकर्षक शहर बनाने की तमाम परिकल्पना संजोए हैं। इस संबंध में कुछ प्रबुद्ध शहरियों से दैनिक जागरण की बात हुई तो उनके मन की बात जुबां पर आ गई।

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..ताकि चमक उठे हमारा प्रयाग

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जगह जगह फ्लाईओवर और इंटरनेशनल एयरपोर्ट होना चाहिए। यूनिवर्सिटी की संख्या बढ़नी चाहिए। छोटे-छोटे उद्योग धंधे लगें, शहर ग्रीन बेल्ट से घिरा हो। संगम पर पक्के घाट बन जाएं। शहर के चतुर्दिक सीमाओं पर सुंदर-सुंदर चौराहे हों ताकि पर्यटक शहर में प्रवेश करते ही यहां की सुंदरता के कायल हो जाएं।

अभिलाषा गुप्ता, महापौर।

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शहर का सतत विकास और नगर नियोजन हो। साफ-सुथरा शहर हो। यातायात नियमों का समुचित पालन हो। मेट्रो रेल चले और चौड़ी-चौड़ी सड़कें हों। चारों ओर ग्रीन बेल्ट हो, सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम को काफी बेहतर करना होगा। खिड़कियों पर लाइन में लगकर टिकट लेने की व्यवस्था खत्म हो।

अजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष इलाहाबाद विकास प्राधिकरण।

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बेहतरीन चौड़ी सड़कें हों। रोड पटरी पर ग्रीनरी हो। मॉल की बेहतरीन सुविधाएं, बिजली की आपूर्ति भूमिगत हो। वाहनों का अलग जोन हो। पशुओं के लिए अलग कामधेनु नगर बसाया जाए। आयात-निर्यात की सुविधाएं हो।

आरपी सिंह, नगर आयुक्त।

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तीर्थराज प्रयाग धर्म, अध्यात्म के साथ शिक्षा का गढ़ है। बावजूद इसके यहां वैदिक यूनीवर्सिटी की कमी वर्षो से खल रही है। यहां स्मार्ट सिटी के साथ वैदिक यूनीवर्सिटी भी बननी चाहिए, जिससे युवा पीढ़ी को धर्म, अध्यात्म, योग, ज्योतिष विद्या एक स्थान पर मिल सके।

-डॉ. रामनरेश त्रिपाठी, निदेशक भारतीय विद्या भवन

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शहर में फ्लाईओवर बनाने के साथ ही सड़कों का जाल बिछाना होगा। विश्व प्रसिद्ध संगम क्षेत्र को पर्यटन के नजरिए से विकसित करना चाहिए। स्वास्थ्य को लेकर बड़े अस्पताल के निर्माण के लिए सरकार को प्रयास करना होगा। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भी यहां बहुत किया जा सकता है।

डॉ. शांति चौधरी, एसआरएन अस्पताल

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मैं चाहती हूं कि इलाहाबाद में सबसे पहले कनेक्टीव ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध की जाए। मेट्रो रेल व बसों की अच्छी सुविधा शुरू की जाए। इसके अलावा प्रदूषण मुक्त शहर, बिजली के तारों के फैले जाल को समाप्त किया जाए। तब जाकर हमारे शहर को स्मार्ट सिटी कहा जा सकेगा।

डा. कमलेश कुमारी पालीवाल

एसोसिएट प्रोफेसर, इविवि

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हमारा शहर आस्था के साथ-साथ शिक्षा के लिए विश्वविख्यात है, लेकिन यहां अभी मूल सुविधाएं ही नहीं है। अत :सबसे पहले यहां की सड़कों को दुरुस्त किया जाए, बिजली, पानी अस्पताल की अच्छी सुविधा दी जाए। कॉलोनियों के जलभराव की समस्या को दूर किया जाए।

प्रो. एचएस उपाध्याय

परीक्षा नियंत्रक, इविवि

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संगम नगरी को स्मार्ट सिटी बनाने का एलान स्वागत योग्य है। यहां पर सबसे पहले मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। मसलन सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के उम्दा इंतजाम कर दिए जाए तो हकीकत में लोग स्मार्ट सिटी का अनुभव कर सकेंगे।

मनोज द्विवेदी , उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक

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स्मार्ट सिटी उसे कहते हैं जहां नगर नियोजन, स्वच्छ शहर, ट्रैफिक नियमों का समुचित पालन, मेट्रो रेलवे, चौड़ी सड़कें, चारों ओर ग्रीन बेल्ट और सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम हो। हवाई सेवाएं बेहद जरूरी हैं। स्मार्ट सिटी बन जाने के बाद लगता है हमें यहीं पर ऐसी सुविधाएं मिल जाएंगी।

-अमरनाथ भार्गव, वरिष्ठ अधिवक्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट

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मेट्रो रेलवे व यातायात व्यवस्था यदि सुदृढ़ हो जाए तो इस शहर का कोई जवाब नहीं है। स्मार्ट सिटी बन जाने के बाद प्रयाग इको-फ्रेंडली शहर हो जाएगा।

- वर्षा अग्रवाल, इनरव्हील क्लब, इलाहाबाद

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प्रयाग में दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं, माघ माह में इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। लेकिन वह संगम तक आकर लौट जाते हैं। शहर में अनेक धार्मिक व एतिहासिक स्थल हैं, जिसकी जानकारी किसी को नहीं है, ऐसे स्थलों का जीर्णोद्धार कर वहां पहुंचने के लिए साधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

-हरिमोहन वर्मा, अध्यक्ष ललितादेवी मंदिर समिति मीरापुर

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केंद्र सरकार द्वारा इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला सराहनीय है। इससे शहर का नक्शा बदलेगा, इसमें कोई संदेह नही है। परंतु आज जरूरत है रोजगार उपलब्ध कराने की। इसके लिए सरकार को नए उद्योगों की स्थापना कराकर के लिए काम करना चाहिए।

-इं. रवींद्र श्रीवास्तव, समाजसेवी


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