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इस बार डोले में आएंगी शक्तिस्वरूपा

By Edited By: Published: Wed, 24 Sep 2014 01:42 AM (IST)Updated: Wed, 24 Sep 2014 01:42 AM (IST)
इस बार डोले में आएंगी शक्तिस्वरूपा

शरद द्विवेदी, इलाहाबाद : आदि शक्तिस्वरूपा इस शारदीय नवरात्र डोले (पालकी) पर आएंगी। उनका डोले पर आना भक्तों को धन-धान्य की प्राप्ति का सुगम अवसर दिलाएगा। वैज्ञानिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में चमत्कारिक प्रगति होगी। अलबत्ता सत्ता में अप्रत्याशित उलटफेर होंगे। शक्तिस्वरूपा इससे पहले 2004 में डोले पर आई थीं, तब अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार को झटका लगा था और मनमोहन सिंह अप्रत्याशित तरीके से प्रधानमंत्री बने थे।

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शक्तिस्वरूपा का नौ दिनी आराधना का विशेष पर्व गुरुवार से शुरू हो रहा है। तमाम भक्त मां से उज्ज्वल व सुखद भविष्य की कामना कर रहे हैं। गुरुवार को मां का आगमन डोले में माना जाता है। श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की मानें तो गुरुवार के दिन नवरात्र का आरंभ मन मस्तिष्क की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने वाला होता है। वैज्ञानिक नए अविष्कार करेंगे। बंग भाषी आराधकों में तो विशेष उत्साह है। कालीबाड़ी मंदिर समिति के सचिव अरुण कुमार बनर्जी कहते हैं गुरुवार से नवरात्र का आरंभ लक्ष्मी के साथ शक्ति की प्राप्ति कराने वाला होगा।

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इनसेट एक

दिन और मां की सवारी

-रविवार - सोमवार: गज (हाथी)।

-शनिवार-मंगलवार : तुरंग (घोड़ा)।

-बुधवार -नौका (नाव)।

-गुरुवार -शुक्रवार: डोला (पालकी)।

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शक्तिस्वरूपा की सवारी व प्रभाव

-गज: समाज में सुख-शांति।

-तुरंग: युद्ध- साधकों की प्रगति।

-पालकी: सत्ता में असंतोष, साधकों को धन-धान्य की प्राप्ति।

-नौका: बाढ़, व्यापारियों को लाभ।

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राशियों पर प्रभाव व पूजा विधि

इलाहाबाद : ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय की नजर में नवरात्र से भक्तों के लिए कई बदलाव होंगे। राशिवार एक नजर।

-मेष : समय संघर्षपूर्ण।

उपाय: महाकाली, महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूप की साधना करें।

-वृष : शिक्षा में सफलता।

उपाय: नील सरस्वती की उपासना या भगवती कामाख्या स्वरूप की पूजा।

-मिथुन : घरेलू कलह।

उपाय: 'नर्वाण मंत्र' का जाप करें।

-कर्क : पराक्रम में वृद्धि।

उपाय: भगवती महाकाली की पूजा व रुद्रचंडी का पाठ।

-सिंह : धन समृद्धि की प्राप्ति। उपाय: 'श्रीसूक्त' का पाठ।

-कन्या : मानसिक अशांति।

उपाय: 'सिद्ध कुंजिकास्त्रोत' का पाठ।

-तुला : यात्रा से बचें।

उपाय: 'नर्वाण मंत्र' का जाप।

-वृश्चिक : मनोकामनाएं पूर्ण। उपाय: 'दुर्गा सप्तशती' के 'कीलक कवच अर्गला' सहित प्रथम चरित्र का पाठ।

-धनु : व्यस्तता बढ़ेगी।

उपाय: 'सरस्वती कवच' का पाठ।

-मकर : समय अनुकूल।

उपाय: 'नर्वाण मंत्र' का जाप व कन्या पूजन।

-कुंभ : सावधानी वांछित।

उपाय: 'सप्तश्लोकी दुर्गा' का जाप।

-मीन : धन की प्राप्ति।

उपाय: 'कीलक कवच अर्गला' सहित प्रथम चरित्र का पाठ।

2004 में हुई प्रमुख घटनाएं

-चार फरवरी को अमेरिका में फेसबुक की लांचिंग।

-आठ मई को नाइजीरिया की वंगारी मथाई को नोबेल पुरस्कार।

-20 मई को मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने।

-30 दिसंबर को अर्जेटाइना की राजधानी व्यूनस आयर्स में नाइट क्लब में आग से दो सौ लोगों की मृत्यु।


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