'रोल प्ले' में इलाहाबाद अव्वल
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : 'रोल प्ले' यानी किशोर-किशोरियों में उन जीवन कौशलों को विकसित करना जिसके माध्यम से वह जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकें। इसी को ध्यान में रख मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से एनसीईआरटी के सौजन्य से राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना के तहत राज्यशिक्षा संस्थान ने प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसमें इलाहाबाद को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
राज्य स्तर की रोल प्ले प्रतियोगिता में 15 मंडलों से चयनित हुए जनपदों के राजकीय विद्यालयों की टीमें शामिल हुई जिसमें बस्ती, आजमगढ़, मिर्जापुर, गोंडा, गाजियाबाद, इलाहाबाद, बरेली, गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, चित्रकूट, कानपुर नगर, रामपुर, वाराणसी एवं आगरा ने प्रतिभाग किया। हर टीम का रोल प्ले अत्यंत सजीव एवं प्रभावपूर्ण रहा। इलाहाबाद की टीम ने किशोर अवस्था के आकर्षण और चुनौतियां विषय पर अभिनय प्रस्तुत किया। दूसरे स्थान पर आने वाली आगरा की टीम ने नशाखोरी के कारण एवं प्रभाव पर और तीसरे स्थान पर रहने वाली बरेली की टीम ने एचआइवी/एड्स क्या एक कलंक है, विषय पर अभिनय किया। इस मौके पर अपर शिक्षा निदेशक महिला विनय कुमार पांडेय ने कहा कि रोल प्ले से किशोरों की सामाजिक विसंगतियां दूर होती हैं। पढ़ने वाले बच्चे जितनी बहादुरी व चरित्र बल से विसंगतियों का सामना करेंगे उतना ही वह जीवन में सफल होंगे। डा. सुधा प्रकाश ने कहा कि यदि अभिनय के माध्यम से किसी विषय को प्रस्तुत करें तो वह जीवन पर्यत स्थायी होता है। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय बालिका इंटर कालेज की छात्राओं की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य आरएन विश्वकर्मा ने जनसंख्या शिक्षा परियोजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। रामानंद चौधरी, फरहाना सिद्दीकी एवं शिखा श्रीवास्तव ने निर्णायक की भूमिका अदा की।
संचालन दीपा मिश्रा व केशव कुमार ने किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त टीम रीजनल रोल प्ले प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी। कार्यक्रम की परियोजना अधिकारी डा. ममता दुबे ने संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत किया। परियोजना समन्वयक मंजुलेश विश्वकर्मा ने आभार ज्ञापन किया।