रूठा मानसून अब जाने को तैयार
अनिल त्रिगुणायत, इलाहाबाद : अबकी साल बारिश ने खूब बेरुखी दिखाई। किसानों के साथ-साथ आमजन भी भीषण गरमी झेलते रहे और अच्छी बारिश का इंतजार करते रहे। अब प्रतीक्षा भी खत्म होने वाली है क्योंकि रूठे मानसून ने इलाहाबाद से विदाई की तैयारी कर ली है। इलाहाबाद में इस वर्ष सामान्य से 50 प्रतिशत कम पानी बरसा है। जून से सितंबर तक के चार महीने ही मानसून सीजन के माने जाते हैं। इस दौरान शहर में औसतन एक हजार मिमी. बारिश होती है। वैसे सामान्य से बीस फीसदी कम बारिश (800 मिमी.) वर्षा को भी सामान्य मान लिया जाता है। लेकिन इस साल यह उम्मीद भी खत्म है। इलाहाबाद में अब तक सिर्फ 585.5 मिमी. ही बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिक डा.एसएस ओझा ने बताया कि मानसून की विदाई के लिए परिस्थितियां बननी शुरू हो गई हैं।
मौसम विज्ञानी डा.मनोज त्रिपाठी ने बताया कि भले मानसून इस बार 26 दिन की देरी से आया हो लेकिन सामान्य तौर पर 15 सितंबर से मानसून की विदाई राजस्थान से शुरू हो जाती है। अलनीनो व पर्यावरणीय परिवर्तन कम वर्षा के मुख्य कारक रहे।
ऐसे मिलते हैं संकेत
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मानसून बनना बंद हो जाता है। दोनों ही क्षेत्रों से नमी आना कम हो जाती है। साथ ही हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर हो जाती है। इसी आधार पर मानसून की वापसी की घोषणा कर दी जाती है।
मानसून की वापसी राजस्थान से
प्रत्येक वर्ष मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है। राजस्थान के बाद हरियाणा, गुजरात और म.प्र., उ.प्र., दिल्ली, महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों से होता हुआ विदा हो जाता है।
किस वर्ष कितनी हुई बारिश
2014 585.5 मिमी.
2013 932
2012 1145.5
2011 1049.4
2010 932