शकुंतला हॉस्पिटल पर छापा, हड़कंप
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने को प्रशासनिक टीम का अभियान जारी है। शनिवार की देर रात एसीएम द्वितीय अर्चना द्विवेदी और सीएमओ डा. पद्माकर सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने सिविल लाइंस स्थित शकुंतला हॉस्पिटल (नर्सिग होम) में छापा मारा। शिकायत मिली थी कि एसआरएन अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. एनएन गोपाल शकुंतला अस्पताल में ऑपरेशन करते हैं।
कमिश्नर बादल चटर्जी से शनिवार को कुछ लोग मिले और शिकायत की कि शकुंतला हॉस्पिटल में उनके मरीज को 21 अगस्त को भर्ती कराया गया। 25 अगस्त को उसका ऑपरेशन किया गया। उन लोगों ने कमिश्नर को बताया कि मरीज का ऑपरेशन एसआरएन अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. एनएन गोपाल ने किया, लेकिन इसके बाद वह लौटकर मरीज को देखने तक नहीं आए। शिकायत के बाद शनिवार को रात में ही एसीएम द्वितीय व सीएमओ के नेतृत्व में टीम ने हॉस्पिटल में छापा मारा। वहां भर्ती मरीज से मुलाकात की। टीम ने जब कागजात चेक किया तो ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम सचिन सिंह लिखा मिला, जो कि उसी अस्पताल के डॉक्टर हैं। उधर परिजन अपनी बात पर अड़े रहे कि ऑपरेशन डॉ. एनएन गोपाल ने ही किया है। इसके बाद मामले की हकीकत जानने के लिए प्रशासनिक टीम ने आपेरशन कक्ष की सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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नवजात की मौत, लापरवाही का आरोप
इलाहाबाद : राजापुर स्थित एक नर्सिग होम में रविवार को डिलेवरी के बाद नवजात की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हुई। राजापुर निवासी अशफाक समाचार पत्र विक्रेता हैं। उनकी पत्नी की डिलेवरी होनी थी जिसके लिए उसे स्थानीय नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। बताते हैं कि दोपहर 2 बजे ऑपरेशन से लड़का पैदा हुआ। ऑपरेशन करने वाली चिकित्सक उसके बाद वहां से चली गई। जन्म के आधे घंटे बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उसे ऑक्सीजन आदि देना शुरू किया, लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। इसको लेकर परिजन आक्रोशित हो उठे। उनका कहना था कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हुई है। परिजनों ने इस मामले में सोमवार को सीएमओ से मिलने की बात कही है।