पति की सलामती के लिए गौरा-पार्वती को पूजा
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अखंड सुहाग की कामना के लिए सुहागिन महिलाओं ने हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रखकर गौरा पार्वती का पूजन किया। उमसभरी गर्मी के बीच व्रती महिलाओं ने बिना कुछ खाए-पिए कड़ी तपस्या की। लेकिन, दोपहर बाद मौसम में बदलाव के बाद गर्मी से कुछ राहत मिली। गुरुवार की सुबह से ही महिलाएं पूजा घर की सफाई व पूजन-पाठ में जुट गई। इसके बाद गंगा स्नान के लिए गई। दोपहर बाद दशाश्वमेध, रामघाट, बांध आदि गंगा घाटों पर स्नान करने वाली व्रती महिलाओं की भीड़ काफी बढ़ गई। महिलाओं ने स्नान के बाद घाट पर दान-पुण्य किया।
सूर्य ढलने के बाद हाथों में मेहंदी रचाकर सोलह श्रृंगार किया। इसके बाद मिट्टी से बनी गौरा-पार्वती की मूर्ति को रखकर सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि सुहाग का सामान चढ़ाकर पूजन कर हरितालिका तीज कथा का पाठ किया। वहीं कई मंदिरों में सामूहिक रूप से कथा का पाठ हुआ। इसमें नवविवाहित महिलाएं भी शामिल हुई। इसके बाद पूरी रात भजन-कीर्तन करने में अपना समय बिताया। शुक्रवार की भोर में मीठी चीज, चना आदि खाकर व्रत का पारण किया। ऐसी मान्यता है कि हरितालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं की सुहाग की रक्षा स्वयं देवाधिदेव महादेव व मां पार्वती करती हैं।