प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर दस डॉक्टरों को नोटिस
जागरण संवाददाता, इलाहबाद : सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने को लेकर प्रशासन का अभियान जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पदमाकर सिंह ने मेडिकल कॉलेज में तैनात दस डाक्टरों को नोटिस जारी की है। डाक्टरों से सात दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
हाईकोर्ट में तैनात अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने इन डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस से संबंधित दस्तावेज सीएमओ को सौंपे थे। इसमें मेडिकल कॉलेज के दस डाक्टरों के नाम के साथ उन नर्सिग होमों व अस्पतालों के नाम थे जहां वह प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। सबूत के तौर पर डाक्टरों की हाथों से लिखी गई दवाइयों के पर्चे व कई अन्य दस्तावेज शामिल हैं। शिकायती पत्र में जिन डाक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप लगाए गए हैं उनमें सभी मेडिकल कॉलेज के हैं। शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि एसआरएन में पैथोलॉजी होने के बाद भी अधिकतर जांचें प्राइवेट पैथोलॉजी से कराई जाती हैं। बदले में डाक्टरों को कमीशन भी मिलता है।
सीएमओ डा. पदमाकर सिंह ने बताया कि उक्त डॉक्टरों को नोटिस जारी कर दी गई है। सात दिनों में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनका जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने उनको प्राइवेट डाक्टरों की प्रैक्टिस पर नजर रखने का आदेश दिया है।