संगम पर उठती लहरें, दहला रहीं गंगा
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : गंगा में समुद्र की तरह उठतीं लहरें दहला रही हैं। वह लगातार तटीय क्षेत्रों की तरफ बढ़ रही हैं। इसे देख प्रशासन सकते में है। बक्शी बांध की तैयारी में भारी लापरवाही इस बार कहीं गुल न खिला दे, इसे लेकर तमाम संदेह बाढ़ से पहले ही खड़े हो गए हैं।
मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार से तेज बारिश की संभावना है। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। माना जा रहा है कि अरब सागर से उठने वाली हवाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश में ठीकठाक बारिश करा सकती हैं। वहीं सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता एसके सिंह पूर्वाचल में होने वाली बारिश से किसी तरह का खतरा नहीं मानते। उनका कहना है कि कानपुर से दिल्ली और उत्तराखंड की तरफ होने वाली बारिश से प्रयाग में स्थिति खराब हो सकती है। वहां का पानी प्रयाग में इकट्ठा होगा, उससे स्थिति बिगड़ सकती है। बक्शी बांध का काम तेजी से चल रहा है, मगर उन्होंने माना कि रिंग बांध के पूर्वी हिस्से का काम अभी काफी कम हुआ है। विभागीय अधिकारी सिर्फ थोड़ी सी लापरवाही की बात करते हैं, मगर सच तो यह है कि रिंग बांध की मरम्मत का एक तिहाई काम भी अभी पूरा नहीं हुआ है। अगर गंगा में बाढ़ आ गई, तो रिंग बांध को फिर से टूटने से कोई रोक नहीं सकता। गंगा के वेग ने जहां एक बार रिंग बांध की दीवारों को टक्कर दी कि फिर हादसा होना है। वहीं सिंचाई विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही को लेकर दारागंज और अल्लापुर के रहने वालों के मन में कई तरह की आशंकाएं उठने लगी हैं। रोजाना सैकड़ों लोग सुबह-सुबह बक्शी बांध पर जुटने लगे हैं। गंगा दूर से भयावह प्रतीत हो रही हैं। पिछली बाढ़ की खौफनाक यादें जीवंत हो उठती हैं। इनसेट
ठेकेदारों पर लगेगा हर्जाना
सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड के सहायक अभियंता एसके सिंह का कहना है कि पांच ठेकेदारों को काम दिया गया है। यदि काम समय से पूरा नहीं होता, तो उसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार होंगे। उन पर हर्जाना लगाया जायेगा।