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गावै लगलें लोग कजरी-कहरवा

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 01:22 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 01:22 AM (IST)
गावै लगलें लोग कजरी-कहरवा

इलाहाबाद : हंसवाहिनी एवं कुशवाहा बंधु के तत्वावधान में रविवार को श्रावणी कवि सम्मेलन का आयोजन कीडगंज स्थित आर्य समाज सभागार में किया गया। इस मौके पर अमरनाथ उपाध्याय की रचना-नहीं हमारी आपसदारी, ना काहु टकरांऊ, अपनी खातिर जाता फिर भी सहचर भाव निभाऊं से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शैलेंद्र मधुर की रचना-गावे लगले लोग कजरी कहरवा, अंगनवा झूला डालिके हो ने माहौल को पूरी तरह श्रावणी बना दिया। इस मौके पर संजय पुरुषार्थी, शाहिद सफर, अमित जौनपुरी, आभा श्रीवास्तव, राकेश दिलबर, आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, पीयूष मिश्र ने भी अपनी रचनाओं से लोगों को मुरीद बनाया।


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