अध्यक्ष से पंगा लेने पर लटका वेतन
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष की मुखालफत करना निर्वतमान सचिव को भारी पड़ गया है। विरोध के चलते पहले उनका चयन बोर्ड में प्रवेश रोक दिया गया, फिर अध्यक्ष ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की। इसके बाद जून माह से वेतन रोक दिया गया। शासन ने सचिव को वेतन दिलाने के लिए तो कोई कदम नहीं उठाया, बल्कि अध्यक्ष की कार्रवाई पर मुहर लगाते हुए चयन बोर्ड में नए सचिव की नियुक्ति कर दी।
गौरतलब है कि चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. आशाराम यादव ने बिना कॉल लेटर भेजे प्रधानाचार्य पदों के लिए साक्षात्कार शुरू कर दिए। सचिव नीना श्रीवास्तव व अपर सचिव सीएल चौरसिया ने इसका विरोध किया तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दी। विवाद इतना बढ़ा कि चयन बोर्ड का बैंक खाता भी सीज हो गया। इसके बाद डॉ. आशाराम ने दोनों का जून माह से वेतन रोक दिया। इसी बीच माध्यमिक शिक्षा मंत्री के यहां लखनऊ में अध्यक्ष, सदस्य व अधिकारियों की दो बार पंचायत हुई। मंत्री ने पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी। कुछ दिनों बाद प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने सचिव चयन बोर्ड को वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए साक्षात्कार कराने का निर्देश दिया। शासन के इस आदेश से बेखबर डॉ. आशाराम ने साक्षात्कार जारी रखा। शिक्षक विधायकों ने सदन में मामले को पुरजोर तरीके से उठाया तो सरकार ने सारे साक्षात्कार रद कर दिए। इसी बीच जुलाई में चयन बोर्ड के अपर सचिव सीएल चौरसिया की नियुक्ति डिप्टी डायरेक्टर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में हो गई। फिर 23 जुलाई को नीना श्रीवास्तव की जगह गाजीपुर के अपर जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार को यहां सचिव नियुक्त कर दिया गया। इधर सीएल चौरसिया को जून माह का वेतन अभी तक नहीं मिला। जबकि नीना श्रीवास्तव का जुलाई माह का चेक चयन बोर्ड के लेखाधिकारी ने नहीं भेजा, इससे उन्हें जून के साथ जुलाई माह का वेतन भी नहीं मिलेगा।