चुनाव में पुलिस व्यस्त, अपराधी मस्त
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मंगलवार की रात सोरांव थाना क्षेत्र में पेट्रोल पंप मालिक समेत दो को गोली मारकर करीबन साढ़े तीन लाख रुपये लूट लिए गए। इनमें से एक की मौत हो गई। बुधवार को धूमनगंज थाना क्षेत्र के कालिंदीपुरम मुहल्ले में इनकम टैक्स वकील राजा चटर्जी की हत्या के बाद लूट की वारदात हुई। इन बड़ी घटनाओं के अलावा चेन लूटने, चोरी, छिनैती की घटनाएं भी हो रही हैं। संगम स्नान को आए एक महिला श्रद्धालु की चेन बाइक सवार बदमाशों ने लूट ली तो प्रीतम नगर मुहल्ले में व्यापारी के घर हजारों की चोरी हो गई। आपराधिक घटनाएं होने के पीछे पुलिस बल का कम होना माना जा रहा है। दरअसल जिले की तकरीबन 80 फीसदी फोर्स इस समय शहर से बाहर चुनाव ड्यूटी में गई है। जिसका फायदा उठाकर बदमाश लगातार इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
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एक ही पेट्रोल पंप कई बार बना निशाना
बदमाशों ने पहली बार मलाक चतुरी पेट्रोल पंप कोनिशाना नहीं बनाया था। इससे पहले भी इसी पेट्रोल पंप पर लूट की घटनाएं हो चुकी हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि बदमाशों ने काफी दिनों से पेट्रोल पंप की रेकी की थी और सुरक्षा व्यवस्था में खामी का फायदा उठाते हुए वारदात को अंजाम दिया। मामले में आलम की तहरीर पर तीन अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज हुई है। लूट की घटना में बदमाशों की गोली का शिकार हुए रामनेवाजा का पोस्टमार्टम किया गया लेकिन शरीर में गोली नहीं मिली। गोली शरीर के आर-पार हो गई थी।
असुरक्षित हैं पेट्रोल पंप
इलाहाबाद प्रतापगढ़ मार्ग पर सोरांव व मऊआइमा थाना क्षेत्रों के पेट्रोल पंप सुरक्षित नहीं है। यह बात लूट की घटनाएं खुद ही साबित कर रही हैं। अब तक पांच पेट्रोल पंप लुटेरों का निशाना बन चुके हैं। मलाक चतुरी, उसरही, भावापुर, ब्लाक बाजार, सदर, आदि पेट्रोल पंप पर बदमाशों ने अपनी बादशाहत साबित करते हुए लूट की घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है। इन घटनाओं से पेट्रोल पंप संचालकों में दहशत व्याप्त है।
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गैनमैन रखने की थी हिदायत
क्षेत्र में हुई कई घटनाओं के बाद पेट्रोल पंपों पर निजी सुरक्षा के प्रबंध की हिदायत भी दी गई थी और बंदूकधारियों को पेट्रोल पंप पर बतौर कर्मचारी नियुक्त करने व सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने का मुद्दा भी उठा था। लेकिन घटनाओं का बढ़ता सिलसिला कुछ और ही बयां कर रहा है। बदमाशों के हमले के वक्त गैनमैन की सुरक्षा आखिर कहां चली जाती है। आखिरी जवाबी कार्रवाई क्यों नही होती। क्यों कभी कोई बदमाश गोलियों का शिकार नहीं होता। हर बार कर्मचारी या तो घायल होते हैं या मारे जाते हैं।