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लीड:::: हाय ये दूरी, ये कैसी मजबूरी

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 01:00 AM (IST)
लीड:::: हाय ये दूरी, ये कैसी मजबूरी

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की गुटबाजी सतह पर आती दिख रही है। सोमवार को फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल के रोड शो में फूलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी मो. कैफ नदारद दिखे। यह चर्चा का विषय तो बना ही, साथ ही इससे पार्टी में चल रही गुटबाजी को बल मिल गया।

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अंदरूनी कलह की बात यूं तो 15 अप्रैल को नामांकन वाले दिन ही सामने आ चुकी थी। तय था कि इस दिन इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता नंदी और फूलपुर के प्रत्याशी मो. कैफ को एक साथ नामांकन करेंगे। इससे पहले आनंद भवन से दोनों प्रत्याशी एक साथ जुलूस की शक्ल में निकलेंगे। 14 अप्रैल की रात तक कार्यक्रम पूर्व निर्धारित ही रहा। 15 अप्रैल की सुबह मो. कैफ तो अपना जुलूस लेकर आनंद भवन पर पहुंच गए। वह वहां नंदी का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर बाद पता चला कि नंदी के जुलूस का रूट बदल गया है। तब कैफ अकेले ही नामांकन के लिए गए। बाद में नंदी का जुलूस कटरा होते कचहरी पहुंचा। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। नामांकन के ठीक दो दिन बाद यानी 17 अप्रैल को मो. कैफ के समर्थन में फिल्म अभिनेत्री नगमा की सभा गंगापार के होलागढ़ में हुई। पहले चर्चा थी कि नगमा नंदी के लिए भी वोट मांगने आएंगी, वह नहीं आई। इलाहाबाद एयरपोर्ट आकर सड़क मार्ग से लखनऊ के लिए रवाना हो गई। फिर अभिनेत्री अमीषा पटेल का कार्यक्रम तय हुआ। पहले अमीषा की सभा नंद गोपाल गुप्ता नंदी के समर्थन में यमुनापार के करमा बाजार में होनी तय हुई। एक दिन बाद कार्यक्रम टल गया। नया कार्यक्रम घोषित हुआ कि 21 अप्रैल को अभिनेत्री अमीषा कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के लिए रोड शो करेंगी। उनका रोड शो बमरौली एयरपोर्ट से शुरू होकर मुट्ठीगंज तक आएगा। यहां उनकी सभा होगी। इस रोड शो में मो. कैफ को भी शामिल होना था। इसके बाद न जाने क्या हुआ, अचानक कार्यक्रम फिर बदल गया। इस बार कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा इलाहाबाद संसदीय सीट को लेकर बनाई गई। यानी रोड शो का रूट भी इलाहाबाद संसदीय सीट को लेकर बनाया गया। सोमवार को हुए अमीषा के रोड शो में न तो कैफ दिखे और न ही उनकी टीम। हां कांग्रेस पदाधिकारियों की उपस्थिति जरूर रही। मंच पर कैफ को न देख चर्चाओं का बाजार गरम रहा। इसके पीछे पार्टी की अंतर्कलह है या कोई रणनीति, यह तो कांग्रेस पदाधिकारी ही जानें पर आम आदमी इसके राजनीतिक कारण ढूंढ रहा है। इस मामले में नंदी से बात करने की कोशिश की गई, पर उनका फोन नहीं उठा।

कोट --

नामांकन को लेकर पहले नंदी भाई के साथ ही मुझे जाना था लेकिन बाद में पता चला कि उनके जुलूस में कुछ देरी है जिसके चलते मैंने अकेले ही जाकर नामांकन किया। अमीषा पटेल का कार्यक्रम इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए था इसलिए मुझको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। पार्टी में गुटबाजी की बात निराधार है।

-मो. कैफ, प्रत्याशी फूलपुर

संसदीय सीट।

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पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है। नगमा ने मो. कैफ के समर्थन में सभा की थी और अमीषा ने नंदी के समर्थन में। दोनों सभाएं पूर्व नियोजित थीं, कहीं से भी कोई अंतर्कलह पार्टी में नहीं हैं। पार्टी के जिला और शहर स्तर के पदाधिकारी पूरे मन से दोनों के साथ हैं।

-अभय अवस्थी, शहर अध्यक्ष कांग्रेस।


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