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भंग जातीय समितियां मैदान में सक्रिय

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 01:00 AM (IST)
भंग जातीय समितियां मैदान में सक्रिय

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की जातीय समितियां भले ही कागज पर भंग हों पर वह मैदान में सक्रिय हैं। जातीय आधार पर पूर्व में गठित भाईचारा समितियों को उन विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय रखा गया है, जहां जाति विशेष के लोगों की जनसंख्या 10 हजार के पार है। विधानसभा स्तर पर गठित चुनाव संचालन समितियों को इन पर देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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बसपा ने ब्राह्मण, क्षत्रिय, मुस्लिम, पटेल, मौर्य, निषाद, दलित, कायस्थ जैसी जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए इन जातियों की भाईचारा समितियों का गठन किया था। बाद में इन समितियों को भंग कर दिया गया। लोकसभा चुनाव आने पर जातीय समीकरण दुरुस्त करने और हर जाति के वोट अपनी ओर करने के लिए वापस इन भाईचारा समितियों को सक्रिय किया गया है।

यह सभी पार्टी को मजबूत आधार देने के लिए मैदान में दिन रात एक किए हुए हैं। मिशन लोकसभा 2014 में पार्टी को अधिक से अधिक सीटें जिताने के लिए भंग समितियों के पदाधिकारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बसपा संगठनात्मक रूप से इन समितियों के पदाधिकारियों की मदद ले रही है। कार्यकर्ता इन समितियों के माध्यम से जाति विशेष में पार्टी का जनाधार तैयार करने में केंद्रित हैं।

रोज हो रहीं नुक्कड़ सभाएं

पार्टी कार्यकर्ता हर विधानसभा में क्षेत्रवार रोज शाम को छह से 10 बजे के बीच नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। संगठन के पदाधिकारी इन सभाओं के माध्यम से दूसरी पार्टियों की रणनीति के सापेक्ष बसपा की रणनीति और चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं। नुक्कड़ सभाओं में पार्टी की रीति नीति को जन जन तक पहुंचाने की बात हो रही है। पार्टी का मूल वोट बैंक किसी दूसरी पार्टी के बहकावे में न आए इसपर भी तीखी नजर रखी जा रही है।

बसपा कार्यकर्ता जिस घर में पार्टी का झंडा लगा रहे हैं पहले उस घर मालिक की सहमति ले रहे हैं। सहमति नहीं तो झंडा नहीं के फार्मूले पर पार्टी के कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। पार्टी के बड़े नेता जिस क्षेत्र में प्रचार करने जा रहे हैं उसी क्षेत्र में झंडे बैनर लगा दिए जा रहे हैं। घरों के बाहर भी मकान मालिक की सहमति के बाद हैंडबिल लगाए जा रहे हैं।

इनसेट

मायावती के बाद आएगी बसपा नेताओं की खेप

इलाहाबाद : लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। पार्टी मुखिया मायावती की रैली के बाद बसपा नेताओं की खेप आनी शुरू हो जाएगी जो ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित करेंगे। बुधवार 23 अप्रैल को बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सरोज सोरांव, फूलपुर में सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद 27 अप्रैल को पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती की शहर के केपी इंटर कालेज में सभा होगी जिसको लेकर पार्टी जोरशोर से तैयारियों में जुट गई है। इसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य 29 अप्रैल को शहर पश्चिमी एवं 30 अप्रैल को फाफामऊ में सभा करेंगे। वरिष्ठ नेता एवं पार्टी का मुस्लिम चेहरा नसीमुद्दीन सिद्दीकी दो मई को इलाहाबाद आएंगे। ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सतीश चंद्र मिश्र की सभा कराने की तैयारी चल रही है। जिलाध्यक्ष लाला प्रसाद विद्यार्थी का कहना है कि पार्टी मुखिया बहन मायावती की रैली के बाद करीब हर दिन अलग-अलग क्षेत्रों में वरिष्ठ नेताओं की सभा होगी, जिसके लिए तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।


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