सफल होगी फीस बढ़ाने को लामबंदी!
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : बीटीसी कॉलेज संचालकों की लामबंदी का असर चुनाव बाद दिखने की संभावना है। संभव है कि प्रदेश सरकार की ओर से बीटीसी करने को इच्छुक बेरोजगारों की आशाओं पर तुषारापात करते हुए बीटीसी की फीस बढ़ा दी जाए।
निजी कॉलेजों की ओर से बीटीसी की फीस साढ़े 72 हजार रुपये किए जाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। फीस निर्धारित करने के लिए बनी राज्य स्तरीय समिति की ओर से अब तक तय ढांचा सत्र 2010 से 2013 के शैक्षिक सत्रों के लिए था। नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया 11 मार्च से शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक फीस का निर्धारण नहीं हो सका है। राज्य सरकार की ओर से फीस बढ़ाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा है। फीस के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक मामला भी लंबित है। अभी तक फ्री सीट की फीस 22 हजार और पेड सीट की फीस 44 हजार रुपये है। निजी बीटीसी कॉलेजों की मांग है कि पेड और फ्री सीट का शुल्क एक जैसा रखा जाए।
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व्यवस्था बीमार, शिकायतें अपार
निजी कॉलेजों के विद्यार्थियों की शिकायतें रहती हैं कि तमाम खर्चो के बहाने पैसे वसूले जाते हैं। छात्रावास में रहने वाले छात्र निर्धारित दर से ज्यादा पैसे लेने की भी शिकायतें कर चुके हैं। निजी कॉलेजों की बढ़ती संख्या और निगरानी तंत्र के कमजोर होने का खामियाजा विद्यार्थियों और शिक्षा की गुणवत्ता को भुगतना पड़ रहा है। इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों में दूर दराज इलाकों में निजी कॉलेजों की भरमार हो गई है। कमाई का जरिया बने यह कॉलेज मानकों पर खरे नहीं उतरते। तमाम कॉलेजों में कक्षा कक्ष, प्रयोगशालाएं और मानक के अनुरूप शिक्षक तक नहीं हैं। यहां विद्यार्थी एकमुश्त रकम चुका कर डिग्री लेने पहुंच रहे हैं।
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मई में होगी बीटीसी की परीक्षा
बीटीसी प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों की परीक्षा मई माह के अंत में होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने सारे डॉयट प्राचार्यो को पत्र भेजकर 30 अप्रैल तक अभ्यर्थियों का ब्योरा भेजने को कहा है। बाद में आने वाले ब्योरा को शामिल नहीं किया जाएगा। इस परीक्षा में पूरे प्रदेश से दूसरे बैच के तीसरे सेमेस्टर में 64 हजार व तीसरे बैच के प्रथम सेमेस्टर में 30 हजार के लगभग अभ्यर्थी शामिल होंगे।