मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोए..
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : यह कच्ची उम्र के प्यार का साइड इफेक्ट है। फरेबी प्रेमियों के मोहपाश में फंसकर कई छात्राएं अपनी पढ़ाई और कॅरियर चौपट कर चुकी हैं तो कई अपने साथ हुए छलावे का पता चलने पर गहरे अवसाद में हैं। बेटियों की इस गलती से मां-बाप बेहाल हैं तो तेजी से बढ़ रही इस तरह की घटनाओं को लेकर जिले की पुलिस भी परेशान है। शनिवार को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल परिसर में मिली एक किशोरी की दास्तां कुछ ऐसी ही है। वह गाजियाबाद से अपने प्रेमी के साथ भागकर यहां आई है। पुलिस रेकार्ड में कई ऐसी किशोरियां हैं जो अपने प्रेमी के साथ भागी थीं, मगर अब उनका कुछ पता नहीं है। वे दुनिया में हैं भी या नहीं, यह भी तय नहीं है।
छह माह पहले शिवकुटी के तेलियरगंज मोहल्ले में रहने वाली एक छात्रा कॉलेज के लिए घर से निकली थी। वहां से वह सिविल लाइंस आई और सुभाष चौराहे से गायब हो गई। परिजनों का आरोप है कि छात्रा को कुछ कार सवार युवकों ने अगवा कर लिया था। पुलिस ने युवती के परिजनों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज छानबीन शुरू की थी। दबाव पड़ने पर आरोपी अदालत में हाजिर हो गए थे। वहां से वह जमानत पर छूट गए मगर अगवा छात्रा का अब तक सुराग नहीं है। पुलिस का मानना है कि मामला प्रेम प्रपंच से जुड़ा था। बहरहाल छात्रा को लेकर उसके परिजन चिंतित है और वह पुलिस अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। कुछ ऐसी ही कहानी कौशांबी जिले के मंझनपुर इलाके में रहने वाली एक और किशोरी की है। वह मंझनपुर क्षेत्र के बभनपुरवा गांव में अपने ननिहाल में रहती थी। चार मार्च 2013 को वह अचानक गायब हो गई। मां ने पड़ोस के गांव में रहने वाले एक युवक पर उसका अपहरण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने किशोरी को 16 अप्रैल को इलाहाबाद से बरामद कर लिया। पूछताछ में पता चला कि किशोरी का अपहरण नहीं किया गया बल्कि वह प्रेमजाल में फंसकर खुद अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। बहरहाल किशोरी को अपने किए पर पछतावा है। उसका मेडिकल कराया जा चुका है और अब मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद बयान होना है। किशोरी पसोपेश में है और मामले की विवेचना कर रही पुलिस परेशान। यह घटनाएं तो महज नजीर हैं। जिले के हर थाने में तकरीबन हर दूसरे दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
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'देवदास' भी कम नहीं
कच्ची उम्र का प्यार सिर्फ किशोरियों के लिए ही बर्बादी का सबब नहीं बन रहा, बल्कि किशोर भी उससे बुरी तरह प्रभावित हैं। प्रेम में असफल होने पर वह नशे की लत का शिकार होकर अपना कॅरियर चौपट कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले कर्नलगंज इलाके में एक लॉज में रहकर 11वीं की पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। छानबीन में पुलिस को पता चला था कि प्रेम में मिली असफलता से वह अवसाद में था। मनोविज्ञानी डॉ. कमलेश तिवारी के मुताबिक प्रेम में धोखा खाकर अवसाद की जद में आने वालों में 60 प्रतिशत मामले किशोरों के होते हैं, जबकि किशोरियों का प्रतिशत 40 के आसपास आंका गया है।
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घर से भागे प्रेमी जोड़ों का पता लगाना आसान नहीं होता। कई बार वह दूसरे शहरों में जा बसते हैं। ऐसे में पुलिस को वहां संपर्क करना होता है। लड़की अगर नाबालिग है तो उसे जल्द से जल्द बरामद करने का भी दबाव होता है।
- मंजिल सैनी, एसएसपी इलाहाबाद।
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पांच-छह सालों में इस तरह की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इसकी अहम वजह है समय के अभाव में परिजनों से बच्चों की दूरी और टीवी व सिनेमा का बढ़ता प्रभाव। यदि मां-बाप बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें पर्याप्त समय दें तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
हेमलता श्रीवास्तव, समाजशास्त्री
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अगवा किशोरी के परिजन आइजी से मिले
इलाहाबाद : उतरांव के जलालपुर गांव से एक सप्ताह पूर्व अगवा की गई किशोरी के परिजनों ने शनिवार को आइजी एलवी एंटनी देव कुमार से मुलाकात की। उन्होंने आइजी से 24 घंटे के भीतर किशोरी का पता लगाए जाने की मांग की है। युवती के परिजनों का आरोप है कि उसे गैर समुदाय के कुछ दबंग किस्म के युवक अगवा कर ले गए हैं।