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मूल्यांकन न किया तो कटेगा वेतन

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 06:34 PM (IST)
मूल्यांकन न किया तो कटेगा वेतन

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षकों की कमी, डीएचई (डिप्टी हेड इवैल्यूएटर) की अनुपस्थिति से यूपी बोर्ड परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इसको देखते हुए बोर्ड प्रशासन ने अनुपस्थित डीएचई व परीक्षकों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। मूल्यांकन में न आने वाले शिक्षकों का वेतन काटने के साथ ही कारण बताओ नोटिस भी दी जाएगी, जिसका जवाब उन्हें एक सप्ताह के अंदर देना होगा। साथ ही एक दिन में 50 से कम कापी जांचने वाले परीक्षक को भी उसका कारण बताना होगा।

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यूपी बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन शुरू हुए एक सप्ताह बीत चुका है। बावजूद इसके हर केंद्रों पर डीएचई (डिप्टी हेड इवैल्यूएटर) व परीक्षकों की संख्या मानक पूरा नहीं कर पाई। इससे मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है। प्रदेश भर में 11336 परीक्षा केंद्रों पर हुई हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा में तकरीबन 65 लाख छात्र और छात्राएं सम्मिलित हुए। कापियों के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में 246 सेंटर बने हैं। जहां 130971 परीक्षकों को लगाया गया है, दस परीक्षक के बीच में एक डीएचई की नियुक्ति हुई। इलाहाबाद में बने राजकीय इंटर कालेज, सीएवी इंटर कालेज, केपी इंटर कालेज, केसर विद्यापीठ, डॉ. केएन काटजू इंटर कालेज, भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कालेज तथा अग्रसेन इंटर कालेज मूल्यांकन केंद्रों में 7181 परीक्षकों की ड्यूटी लगी है, जिसमें पांच हजार के लगभग ही पहुंच रहे हैं। इसमें भी अधिकतर हस्ताक्षर करके कापी जांचने के बजाय इधर-उधर गप लड़ाने में मशगूल रहते हैं। अमूमन यही स्थिति कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, बरेली, कौशांबी, प्रतापगढ़, गाजियाबाद, भदोही, फैजाबाद, सुल्तानपुर, फर्रुखाबाद सहित हर जिले की है जहां 20 से 40 प्रतिशत परीक्षक और डीएचई नहीं पहुंच रहे हैं। इससे कापियों का बंडल कम नहीं हो रहा। वहीं यूपी बोर्ड प्रशासन ने 26 अप्रैल तक मूल्यांकन समाप्त करने का लक्ष्य बनाया है। परंतु सुस्त मूल्यांकन देख सबकी चिंता बढ़ गई है।

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शिक्षकों ने व्यक्त की नाराजगी

शिक्षक नेता अजय कुमार सिंह का कहना है कि बोर्ड प्रशासन मूल्यांकन केंद्रों पर पंखा और पानी की व्यवस्था नहीं करा पाया। अधिकतर शिक्षकों को 2013 के मूल्यांकन का पारिश्रमिक अभी तक नहीं मिला। इसके बावजूद वह ईमानदारी से मूल्यांकन कर रहे हैं। न आने वालों के सामने कुछ समस्या हो सकती है। ऐसे में किसी का वेतन कटा तो शिक्षक इसका विरोध करेंगे।

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हर जिले में काफी संख्या में शिक्षक मूल्यांकन ड्यूटी में नहीं आ रहे हैं। इससे मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है। ऐसे शिक्षकों को अनुपस्थित के साथ अनुशासनहीन मानते हुए उनका वेतन काटने के साथ कारण बताओ नोटिस देने के लिए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं।

-कामताराम पाल, अपर सचिव प्रशासन माध्यमिक शिक्षा परिषद।


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