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    इलाहाबाद-मुगलसराय के बीच बिछेगी तीसरी रेल लाइन

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    Updated: Fri, 14 Mar 2014 01:01 AM (IST)

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    जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद-मुगलसराय रूट पर ट्रेनों का दबाव कम करने के लिए तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी। वहीं जंक्शन, रामबाग, प्रयाग समेत शहर के अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों की बढ़ रही आवाजाही को ध्यान में रखते हुए रेल फ्लाईओवर बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है। इसके अलावा छिवकी में यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए रेलवे और खर्च करेगा।

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    गुरुवार को यहां आए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार ने रेलवे की नई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि शहर में जमीन मिलने में अड़चन पैदा होती है। इसलिए रेल फ्लाईओवर के जरिए इस दिक्कत को दूर किया जाएगा। इससे ट्रेनों का परिचालन बेहतर हो सकेगा। साथ ही इलाहाबाद जंक्शन पर ट्रेनों का दबाव कम होने और कई तरह की सुविधा बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद से मुगलसराय के बीच ट्रेनों का दबाव बहुत है। इसके चलते यात्री ट्रेनें लेट होती हैं। इसके चलते तीसरी रेल लाइन बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में एनसीआर के जीएम प्रदीप कुमार से प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है। उन्होंने बताया कि डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (डीएफसी) के लिए कांट्रैक्ट का काम पूरा हो चुका और अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि छिवकी रेलवे स्टेशन की दशा में सुधार किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए भी करोड़ों रुपये का प्रस्ताव बन रहा है। ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान में होने वाली देरी में सुधार की कोशिश का आश्वासन देते हुए चेयरमैन ने कहा कि नैनी के मलहरा और रामबाग स्टेशन पर रेलवे ओवर ब्रिज का काम कुछ दिक्कतों के कारण रुका हुआ है। पत्रकार वार्ता से पहले अरुणेन्द्र कुमार ने इलाहाबाद, मिर्जापुर, छिवकी समेत कई अन्य स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रेल अधिकारियों को स्टेशनों को आकर्षक बनाने, यात्रियों से अच्छे व्यवहार करने सहित जरूरी निर्देश दिए। निरीक्षण के वक्त जीएम प्रदीप कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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    वेल्डिंग की कमी से हुआ था कालका मेल हादसा

    कालका मेल हादसे की जांच से जुड़े एक सवाल पर जीएम प्रदीप कुमार ने बताया कि हादसे का कारण ट्रैक में वेल्डिंग की कमी होना बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अब फ्लैशपुट वेल्डिंग व एलमुनोथर्मल बेल्ट के तहत अब काम हो रहा है। इसका एक प्लांट सूबेदारगंज में भी लगाया गया है। हालांकि कुंभ हादसे के मसले पर उनका कहना था कि मामले की जांच न्यायिक समिति की ओर से की जा रही है। एक से दो महीने के भीतर उसकी रिपोर्ट जा जाएगी।

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    एंटी क्लैश डिवाइस का ट्रायल सफल

    रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि कोहरे के दौरान ट्रेन हादसा रोकने के लिए एंटी क्लैश डिवाइस का ट्रायल सफल रहा है। पहले चरण में 50 किमी को इस दायरे में रखा गया था। इससे ट्रेन की सुरक्षा और मजबूत हो सकेगी। उनका यह भी कहना था कि पटरी की व्यवस्था बेहतर करके ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। श्री अरुणेन्द्र ने यह भी बताया कि कोहरे से निपटने के लिए मॉडीफाइड ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम (मॉस) की व्यवस्था की गई है। हालांकि उन्होंने कैब सिग्नलिंग व्यवस्था को काफी खर्चीला बताते हुए छोटे स्टेशनों को सुधारने की बात कही।

    इनसेट-

    अपनी जमीन लेने की कोशिश करेगा रेलवे

    एमएनएनआइटी से लेकर एलआइसी कालोनी तक रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण से संबंध चेयरमैन ने कहा कि रेलवे अपनी जमीन वापस लेने की पूरी कोशिश करेगा। हालांकि उनका यह भी कहना था कि कई स्थानों पर हमें ऐसे मसलों पर सफलता और विफलता दोनों मिली, फिर भी हम कोशिश जरूर करेंगे कि अपनी जमीन वापस मिल सके।