चोर न देखने वाली बहनों का डकैतों से पड़ा पाला
अलीगढ़ : सर, हमारे यहां (गुजरात) तो ऐसा नहीं होता। हम तो देर रात तक बाजार में खरीदारी करते हैं। घर प
अलीगढ़ : सर, हमारे यहां (गुजरात) तो ऐसा नहीं होता। हम तो देर रात तक बाजार में खरीदारी करते हैं। घर पर ताला तक नहीं लगाते। वाहन भी रोड पर खड़े रहते हैं। चोरी तक नहीं होती, लेकिन यहां तो रात में चलने पर जान के लाले पड़ जाते हैं। हमें ऊपर वाले ने दूसरी जिंदगी दी है। खुशी इस बात की है कि हम सभी सुरक्षित हैं। ये कहते-कहते निशा व उसकी बहन समा के आंसू निकल आते हैं। वे कहती हैं कि इस घटना को ताउम्र भूल नहीं पाएंगे।
घटना के बाद से निशा व उसकी बहन समा का बुरा हाल है। शमशाद व उसके परिजन दोनों को समझा रहे हैं, लेकिन आंसू नहीं रुक रहे। दुल्हन बनी निशा बताती हैं कि कार में सब आराम से बातें करते आ रहे थे। अचानक कार रुकी तो सभी की निगाहें सामने रोड पर पड़े पेड़ पर थीं। कुछ समझ पाते, तब तक बदमाशों ने घेर लिया। समा ने बताया कि वे हमसे खींचतान कर जेवर लूट रहे थे। जीजू (शमशाद) ने बदमाशों ने अनुरोध किया कि महिलाओं से कुछ मत कहिए, जो चाहे हमसे ले लो। बदमाश मान गए और हमने अपने जेवर व रुपये उन्हें दे दिए। एक बार तो ऐसा लगा था कि हम जीवित नहीं रह पाएंगे।
गांव वालों में आक्रोश : इस घटना से आलमपुर रानी के लोग आक्रोशित हैं। उन्होंने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। गांव में पहुंचे एसओ बरला ऊदल सिंह से लोगों ने यही कहा कि आप क्या कर रहै थे? एसओ ने चुनाव के चक्कर में कम फोर्स का हवाला भी दिया, लेकिन लोग संतुष्ट नहीं थे।