टायर फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से आग लगी, लाखों का नुकसान Aligarh News
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में थाना बन्नादेवी इलाके की संगम बिहार कॉलोनी में रविवार को टायर फैक्ट्री में लगी भीषण आग। आग के बाद इलाके में मची खलबली।
अलीगढ़ जेएनएन : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में थाना बन्नादेवी क्षेत्र की संगम बिहार कॉलोनी सारसौल में रविवार को टायरों पर रबड़ चढ़ाने की फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। आग बुझाने के प्रयास में एक युवक मामूली रूप से झुलस गया। दमकल की चार गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। फैक्ट्री आबादी के बीचों- बीच चल रही थी। शहर के आबादी क्षेत्र में फैक्ट्री होने के बावजूद यहां आग बुझाने के पर्याप्त यंत्र मौजूद नहीं थे। आबादी में फैक्ट्री किस तरह संचालित हो रही थी इसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। अहम बात यह है कि शहर की आबादी के बीच इस तरह की अनेक फैक्ट्री मौजूद हैं।
लकड़ियों के ढेर में आग लगी
बन्नादेवी क्षेत्र के सराय हकीम निवासी हसीब और दानिश की संगम विहार कॉलोनी, सारसौल में एक मकान में गाड़ियों के टायरों पर रबड़ चढ़ाने की फैक्ट्री खोल रखी है। रविवार सुबह शॉर्ट सर्किट के चलते फैक्ट्री में ही एक कोने में रखी लकड़ियों के ढेर में आग लग गई। आग ने फैक्ट्री में रखे टायरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर शोर मचाते हुए बाहर भागे और आज पड़ोस में रहने वाले लोगों से मदद मांगी। पड़ोसियों ने भी निजी संसाधनों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना के करीब आधे घंटे बाद दमकल की चार गाड़ी मौके पर पहुंची। तब कहीं दमकल कर्मियों के प्रयासों के बाद 11 बजे आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका। इधर आग बुझाने के प्रयास में एक फैक्ट्री मजदूर मामूली रूप से झुलस गया जैसे निजी अस्पताल में उपचार दिलाया गया।
आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं
गनीमत रही कि फैक्ट्री से चंद कदमों की दूरी पर ही पटाखा गोदाम भी है। अगर आग वहां तक पहुंच जाती तो किसी बड़े हादसे के होने की संभावना से कतई इंकार नहीं किया जा सकता था।इंस्पेक्टर बन्नादेवी रविंद्र कुमार दुबे ने बताया कि पीड़ित फैक्ट्री मालिक ने आग में दो लाख रुपये से अधिक का नुकसान होना बताया है। बकौल इंस्पेक्टर, आबादी क्षेत्र में फैक्ट्री होने के बाद भी यहां आग बुझाने के पर्याप्त यंत्र मौजूद नहीं थे। आबादी में फैक्ट्री किस तरह संचालित हो रही थी इसकी जांच की जा रही है।